Shukrawar ke Upay: आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. आज दिन शुक्रवार है. हिंदू धर्म में यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है. जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उसके जीवन में धन-दौलत में कमी नहीं होती है. यही वजह है कि हर कोई मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ, उपाय और तमाम टोटके करते हैं. अगर आपको भी आर्थिक संकट से मुक्ति चाहिए, तो शुक्रवार को महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें. यह देवी लक्ष्मी के आठ रूपों की भक्ति में पाठ किया जाने वाला एक स्तोत्र है. 


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॥ महालक्ष्म्यष्टकम् ॥
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥1॥


नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥2॥


सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥3॥


सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि ।
मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥4॥


आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि ।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥5॥


स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे ।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥6॥


पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥7॥


श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥8॥


महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा॥9॥


एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः॥10॥


त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥11॥


॥ इति इन्द्रकृतं महालक्ष्म्यष्टकं सम्पूर्णम् ॥


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