Saptahik Vrat Tyohar: नवंबर का यह सप्ताह व्रत त्योहार के लिहाज से बेहद खास माना जा रहा है...इस हफ्ते का शुभारंभ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और शतभिषा नक्षत्र से हुई.
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Weekly Fast and Festivals 2023: नवंबर महीने के इस सप्ताह में कई खास त्योहार और व्रत आने वाले हैं. इसके साथ ही इस सप्ताह पंचक भी रहेंगे. इस हफ्ते की शुरुआत गोपाष्टमी व्रत से हुई. इसके बाद अक्षय नवमी व्रत, देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत और आखिर में प्रदोष तिथि का व्रत किया जाएगा. इस हफ्ते का शुभारंभ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और शतभिषा नक्षत्र से हुई. 20 नवंबर के दिन गोपाष्टमी तिथि का व्रत किया गया और इसके साथ ही इस दिन से पंचक भी प्रारंभ हो गए. 21 नंवबर को अक्षय नवमी का पर्व भी मनाया जा रहा है. इस माह के सप्ताह के अंत में शुक्र प्रदोष तिथि का व्रत किया जाएगा. इस लेख में जानते हैं नवंबर महीने के इस सप्ताह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्योहार के बारे में...
गोपाष्टमी व्रत: ( Gopashtami Vrat 20 नवंबर, सोमवार)
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी व्रत मनाया जाता है। इस दिन स्वयं श्री कृष्ण ने गाय-बछड़े की एक साथ पूजा कर गुरु चरण पूजा की शुरुआत की थी। शाम के समय गाय और बछड़ों की पंचोपचार विधि से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामानएं पूरी होती है। धार्मिक मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गौ सेवा करने से सभी संकट दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति भी होती है। साथ ही इसी दिन सुबह 11.04 बजे पंचक लग रहा है।
आंवला एकादशी (Amla Ekadashi 21 नवंबर,मंगलवार)
आंवली नवमी का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है. इस तिथि पर पूजन अर्चना करने से लेकर व्रत करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. इससे सभी पाप और कष्ट नष्ट हो जाते हैं. इस बार आंवला नवमी 21 नवंबर को मनाई जा रही है.
देव प्रबोधिनी एकादशी व्रत-( Dev Prabodhini Ekadashi 23 नवंबर, गुरुवार)
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन चातुर्मास भी समाप्त हो जाएगा. इस दिन तुलसी विवाह भी होगा. देवउठनई से ही शुभ और मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे. हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है. घरों और मंदिरों में इस दिन देवताओं को जगाया जाता है.
शुक्र प्रदोष व्रत-( Shukra Pradosh Vrat 24 नवंबर, शुक्रवार)
हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक महीने में दो बार प्रदोष व्रत आता है. जब यह प्रदोष शुक्रवार को पड़ता है, तो उसे शुक्र प्रदोष कहा जाता है. इस दिन उपवास रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ प्रभाव पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि शुक्र के प्रभाव से भौतिक सुख सुविधाओं में इजाफा होता है. इस दिन ही नारायण द्वादशी भी पड़ रही है. 24 नवंबर के दिन दोपहर 4.02 बजे पंचक खत्म हो जाएगा.
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