Chaitra Navratri 2024: कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत? त्रेतायुग में सबसे पहले इस राजा ने रखे थे नौ दिन के व्रत
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Chaitra Navratri 2024: कैसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत? त्रेतायुग में सबसे पहले इस राजा ने रखे थे नौ दिन के व्रत

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने ही वाली है.जानते हैं कि आखिर हम नवरात्रि क्यों मनाते हैं. नवरात्रि के पावन 9 दिनों के व्रत करने के पीछे की कहानी क्या है.

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.  शक्ति स्वरूपा माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दौरान भक्त माता की उपासना करते हैं. सदियों से नवरात्रि में माता की आराधना करने का विधान चला आ रहा है.  इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024 तक रहेगी. इस साल चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी आएंगी. क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि का व्रत किसने सबसे पहले रखा था. अगर नहीं जानते तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे नवरात्रि की शुरुआत हुई थी और किसने  पहली बार नवरात्रि व्रत रखा था.

ऐसे हुई थी नवरात्रि की शुरुआत
वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि, किष्किंधा के पास ऋष्यमूक पर्वत पर लंका चढ़ाई से पहले भगवान राम ने मां दुर्गा की उपासना की थी. ब्रह्मा जी ने श्री राम को माता दुर्गा के स्वरूप, चंडी देवी की पूजा करने के लिए कहा था. ब्रह्मा जी की सलाह पाकर भगवान राम ने प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चंडी देवी का पाठ किया था. 

भगवान राम को मिला माता का आशीर्वाद
राम जी को बह्मा जी ने  ये भी कहा कि पूजा सफल तभी होगी जब चंडी पूजन और हवन के बाद 108 नील कमल भी अर्पित किये जाएंगे. ये नील कमल अतिदुर्लभ माने जाते हैं. भगवान राम को उस समय सेना की मदद से ये 108 नील कमल तो मिल गए. ये बाद लंकापति रावण को पता लगी तो उसने अपनी मायावी शक्ति से एक नील कमल गायब कर दिया. चंडी पूजन समाप्त करने के बाद भगवान राम ने जब कमल के पुष्प चढ़ाए तो एक कमल कम निकला. ये देखकर भगवान राम चिंतित हो गए. लेकिन अंत में उन्होंने कमल की जगह अपनी एक आंख माता चंड़ी को अर्पित करने का फैसला लिया. जैसे ही उन्होंने अपनी आंख मां को चढ़ानी चाही तो मां प्रकट हो गईं. वह उनकी भक्ति से प्रसन्न हुईं और उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया. 

राम ने की नौ दिनों तक मां की पूजा

जब भगवान राम ने प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता चंडी को प्रसन्न करने के लिए हवन और तप किया उस दौरान उन्होंने अन्न जल भी ग्रहण नहीं किया. नौ दिनों तक माता दुर्गा के स्वरूप चंडी देवी की पूजा करने के बाद भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त हुई.  ऐसा कहा जाता है कि तभी से नवरात्रि की शुरुआत हुई. भगवान राम नवरात्रि के 9 दिनों तक व्रत रखने वाले पहले राजा और पहले मनुष्य थे. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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