आईजी आगरा ए सतीश गणेश अपने ही महकमे के जांच के लिए शनिवार दोपहर मथुरा के थाना हाईवे पहुंचे, यहां उन्होंने खुद को सेना का कर्नल बताया और ऑफिस में मौजूद प्रभारी निरीक्षक रामपाल सिंह भाटी से कहा कि कार से उनका लैपटॉप चोरी हो गया है. इंस्पेक्टर ने तत्काल मुकदमा दर्ज करा दिया.
Trending Photos
आगरा/एटा: पुलिस महकमे के लिए कहा जाता है कि बिना पैसों के लिए ये लोग किसी का काम नहीं करते. लगातार बदनाम हो रहे पुलिस विभाग की जांच के आईजी आगरा ए सतीश गणेश मथुरा के थाना हाईवे पहुंचे. खुद अपनी पहचान छिपाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. मौजूद प्रभारी निरीक्षक रामपाल सिंह भाटी ने तपरंत कार्रवाई की और अगले ही दिन मामला सुर्खियों में बदल गया. पुलिस अधिकारी की इस कार्रवाई से खुश होकर एटा के रहने वाले विजयपाल सिंह ने आईजी आगरा ए सतीश गणेश ने प्रशंसा पत्र लिखा और पुलिस अधिकारी की कार्यशैली से खुश होकर 500 रुपये का चेक भी भेजा.
ये था मामला
दरअसल, आईजी आगरा ए सतीश गणेश अपने ही महकमे के जांच के लिए शनिवार दोपहर मथुरा के थाना हाईवे पहुंचे, यहां उन्होंने खुद को सेना का कर्नल बताया और ऑफिस में मौजूद प्रभारी निरीक्षक रामपाल सिंह भाटी से कहा कि कार से उनका लैपटॉप चोरी हो गया है. इंस्पेक्टर ने तत्काल मुकदमा दर्ज करा दिया.
जब मुकदमा दर्ज हो गया और आईजी जाने लगे तब रामपाल सिंह से हाथ मिलाया और कहा कि मैं आईजी हूं. यह सुनते ही थाने में कुछ ही देर में थाने का सारा स्टाफ पहुंच गया. पुलिस की कार्यशैली से खुश होकर आईजी ने प्रभारी निरीक्षक को पांच हजार रुपये बतौर इनाम दिया.
किसने लिखा प्रशंसा पत्र
मामला अगले दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बना, तो लोगों ने पुलिस अधिकारी की इस कार्यशैली की काफी प्रशंसा की. पुलिस की ये कार्रवाई एटा के सिद्धार्थ नगर के भगीपुर में रहने वाले विजय पाल सिंह को इतनी पसंद आई, कि उन्होंने आईजी आगरा ए सतीश गणेश को एक प्रशंसा पत्र लिखा और साथ में 500 रुपये का चेक उन्हें बेजा. इसके साथ मथुरा के थाना हाईवे प्रभारी निरीक्षक रामपाल सिंह भाटी के लिए 200 रुपये का चेक भेजा. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि कैसे पुलिस कार्रवाई करती है. लेकिन एक अच्छे अधिकारी ईमानदारी से अपना काम करते हैं.
लाइव टीवी देेखें
अतुल्यनीय है ये पुरस्कार: आईजी
आगरा जोन के आईजी ए सतीश गणेश ने कहा कि 23 साल के पुलिसिंग कैरियर में मुझे कई पदक, पुरस्कार और प्रशंसा के पत्र हासिल हुए हैं. कल मुझे डाक द्वारा एक पत्र हासिल हुआ. एक अज्ञात व्यक्ति ने मेरे लिए पत्र लिखा और 500 रुपये का चेक भी दिया. ये मेरे लिए अब तक हासिल किए गए पदक, पुरस्कार में अतुल्यनीय है.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये लोगों की प्रतिक्रिया है, जो मुझे रोज और सालों साल बिना थके काम करने के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने अपने प्रशंसक विजय पाल द्वारा भेजे गए पत्र को तुलना गोल्ड मेडल से करते हए कहा कि किसी भी पुलिस अधिकारी को मिलने वाली ये सबसे अच्छा पुरस्कार हैं.
विजयपाल जी जय हिंद.