गंगा को निर्मल बनाने के लिए संघर्षरत संत रामदास की मौत, खनन माफिया से बताया था जान का खतरा
मुरादाबाद जनपद में नगर संत की उपाधि से नवाजे गए संत रामदास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. संत ने कुछ महीने पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी जान का खतरा भी जताया था.
मुरादाबाद: मुरादाबाद जनपद के गलशहीद थाना क्षेत्र में नगर संत रामदास का शव मिलने से हड़कंप मच गया. रामगंगा प्रदूषण मुक्त समिति से जुड़े रामदास लगातार रामगंगा को बचाने के लिए संघर्षरत थे. शनिवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि गलशहीद क्षेत्र स्थित एक मंदिर में नगर संत रामदास का शव पड़ा है, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की.
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क्या है मामला?
मुरादाबाद जनपद में नगर संत की उपाधि से नवाजे गए संत रामदास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. नवरात्र के पहले ही दिन संत का शव मंदिर में मिलने से लोग हैरान हैं. बता दें कि संत ने रामगंगा प्रदूषण मुक्ति और अवैध खनन को लेकर मोर्चा खोला था, जिसके चलते उनके विरोधियों की तादात भी बढ़ गई थी.
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वीडियो जारी कर बताया था जान का खतरा
रामदास ने कुछ महीने पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी जान का खतरा भी जताया था. इस वीडियो में संत रामदास खनन माफियाओं से जान के खतरे का अंदेशा जताते नजर आए थे. ऐसे में अचानक हुई उनकी मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गये हैं. पुलिस ने संत रामदास का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, साथ ही उनके परिजनों से भी संपर्क किया जा रहा है.
एसपी सिटी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि मामले की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके.
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संत रामदास की मौत कैसे हुई? यह हत्या है या सामान्य मौत? इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा. फिलहाल मौत के बाद एक बार फिर उनका वह वीडियो चर्चाओं में है जिसमें वह अपनी जान को खतरा जता रहे थे!
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