सुनील सिंह/संभल : ऐतिहासिक और पुराणिक शहर संभल अपने आप में बहुत सी रहस्यमयी कहानियां भी समेटे हुए है. संभल शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बीहड़ जंगल में बना लगभग 1200 साल पुराना रहस्‍यमयी कुआं आज भी अबूझ पहले है. इलाके के लोग इस रहस्यमयी कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी इमारत और तोता मैना की कब्र को लेकर तरह तरह के किस्से और कहानियां सुनाते हैं. वीरान और बीहड़ जंगल में बना यह रहस्यमयी कुआं अराजकतत्व और चोरों का ठिकाना बन गया है. इसलिए इलाके के लोग इस कुएं को चोरों के कुएं के नाम से अधिक जानते हैं. 


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डाकुओं ने छिपाया था बेशकीमती खजाना  
इलाके के लोगों का मानना है कि यह रहस्यमयी कुआं और इसके अंदर पाताल लोक में बनी कई मंजिल इमारत लगभग 12 सौ साल से अधिक प्राचीन है. 1200 साल पहले लूटपाट करने वाले डाकुओं ने अपने रहने और लूटपाट के जेवरात और कीमती चीजों के खजाने को छिपाने के लिए इस रहस्यमयी कुएं के अंदर पाताल लोक में इस इमारत को बनवाया था और वह खजाना आज भी इस रहस्यमय कुंए के अंदर छिपा हुआ है. कुंए के अंदर पाताल लोक में बनी यह इमारत कई मंजिल की है. पाताल लोक तक गहराई वाले इस कुएं के अंदर चारों तरफ कमरे बने हुए है, जो की बेहद खूबसूरती के साथ बनाए गए हैं. 


तोता-मैना की कब्र 
इस रहस्यमयी कुएं से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक कब्र भी है जिसे तोता मैना की कब्र कहा जाता है. कब्र के दोनों ओर उर्दू, फारसी और अरबी भाषा से मिलती जुलती भाषा में कुछ आयते लिखी हैं. लोगों का कहना है कि कब्र पर लिखी इन आयतों में इस रहस्यमयी कुएं में छिपाए गए खजाने का राज छिपा है. इस राज को जानने के लिए भाषाओं के जानकर तमाम भाषाविद कब्र पर लिखी आयतों को पढ़ने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन कोई भी भाषाविद कब्र पर लिखी आयतों को पढ़ने में आज तक कामयाब नहीं हुआ. 


भाषाविद पढ़ने में कामयाब नहीं हुए 
लोगों का कहना है कि अगर कोई भाषाविद पढ़ने में कामयाब भी हुआ तो बह पीछे की आयते भूल जाता था. कुएं में छिपे खजाने का राज जानने के लिए अराजकतत्वों ने कई बार इस ऐतिहासिक कब्र को उखाड़ कर ले जाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए. बहरहाल सैकड़ों साल बाद आज भी विशाल कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी इमारत और तोता मैना की कब्र पर लिखी आयते अबूझ पहेली और रहस्यमयी बनी हुई है.