मामले में गठित SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की थी. यह रिपोर्ट शुक्रवार को CMO को सौंप दी गई है. रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर जांच टीम ने दोषियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी.
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लखनऊ: प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर खरीद में मिले घपले की जांच SIT से कराई गई थी. योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बीती 10 सितंबर को रेवेन्यू डिपार्टमेंट की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रेणुका कुमार की अध्यक्षता में यह टीम बनी थी. जांच टीम को 28 जिलों में भारी धांधली के सबूत मिले हैं. सबसे ज्यादा अनियमितता फर्रुखाबाद जिले में मिली, जहां एक ही मेडिकल डिवाइस को तीन अलग-अलग रेट पर खरीदा गया. मामले में गठित SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर शुक्रवार को CMO को सौंप दी है. रिपोर्ट किए गए तथ्यों के आधार पर जांच टीम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है.
एसआइटी ने अपनी जांच में 28 जिलों में मेडिकल डिवाइस की खरीद में गड़बड़ियां पाई हैं. पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्रारेड थर्मामीटर की खरीद ग्राम पंचायत के स्तर पर करने के निर्देश दिये गए थे. बाकी जिलों में जिस रेट पर यह डिवाइस खरीदे गए, उनमें भी काफी अंतर है. 28 जिलों में गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, सुलतानपुर, झांसी, कौशांबी, चित्रकूट व अन्य शामिल हैं.
फर्रुखाबाद में तो हद पार कर दी गई. इन उपकरणों को कहीं 1500, कहीं 2500 तो कहीं 11,000 रुपये में खरीदा गया. एसआइटी ने जांच में यह भी पाया कि ज्यादातर जिलों में यह डिवाइस 2500 से 6000 के बीच खरीदे गए.
बता दें कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर और सैनिटाइजर का एक सेट खरीदने के आदेश दिये गए थे. सुल्तानपुर, गाजीपुर और अन्य जिलों की कई ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर इन उपकरणों को बेचा जा रहा था. इसकी शिकायतें शासन को मिलने पर सुल्तानपुर और गाजीपुर के जिला पंचायत राज अधिकारी और सोनभद्र के प्रभारी DPRO को निलंबित कर दिया गया था.
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