स्वच्छता मिशन में हाथ साफ कर गए घोटालेबाज, सबसे बड़े गांव में किया 1.66 करोड़ रुपये का बंदरबांट
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स्वच्छता मिशन में हाथ साफ कर गए घोटालेबाज, सबसे बड़े गांव में किया 1.66 करोड़ रुपये का बंदरबांट

गहमर गांव में 2238 शौचालय बनाने के लिए पैसा निकाला किया गया था. जिसमें से 1000 शौचालय तो बना दिए गए वहीं 1238 शौचालय ऐसे लोगों के लिए बना दिया, जिनके यहां पहले से शौचालय बना हुआ था. 

सांकेतिक तस्वीर.

गाजीपुर: गाजीपुर से एक खबर सामने आई है, जहां स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 66 लाख 68 हजार रुपये की अनियमितता सामने आई है. जिसके बाद DPRO के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान और संबंधित सचिव पर गहमर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. बताया जा रहा है कि जनपद में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अब तक के सबसे बड़े घोटाले का मुकदमा दर्ज हुआ है. बता दें कि गहमर एशिया का सबसे बड़ा गांव है.

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क्या है मामला?
मामला भदौरा विकासखंड के गहमर गांव का है. यहां की आबादी करीब सवा लाख है. इस गांव की ग्राम प्रधान मीरा चौरसिया द्वारा शौचालय निर्माण एवं स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों के तहत एक करोड़ 66 लाख 68 हजार सरकारी धन की अनियमितता की गई. दरअसल, गहमर गांव में 2238 शौचालय बनाने के लिए पैसा निकाला किया गया था. जिसमें से 1000 शौचालय तो बना दिए गए वहीं 1238 शौचालय ऐसे लोगों के लिए बना दिया, जिनके यहां पहले से शौचालय बना हुआ था. उन शौचालयों पर सिर्फ इज्जत घर लिखवा कर पैसे का आपस में बंदरबांट कर लिया गया. 

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इन लोगों के खिलाफ हुई कार्रवाई
बीते दिनों जांच टीम द्वारा गांव के विकास कार्य की बिंदुवार जांच की गई थी, जिसमें वित्तीय अनियमितता पाए जाने के बाद DPRO के आदेश पर दोषी ग्राम प्रधान मीरा चौरसिया वर्तमान सचिव अवधेश खरवार और तत्कालीन सचिव राधेश्याम यादव के खिलाफ एडीओ पंचायत मदन मोहन गुप्ता ने मुकदमा दर्ज कराया है.

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संबंधित लोगों में मचा हड़कंप
वहीं, ग्राम प्रधान पर मुकदमा दर्ज होने से संबंधित लोगों में हड़कंप मच गया है. गौरतलब है कि 24 दिसंबर से प्रधानों के कार्यकाल खत्म हो जाएंगे. ऐसे में प्रधानों द्वारा कराए गए विकास कार्यों के लिए लागत मूल्य भुगतान करने की चिंता बनी हुई है. इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत एक करोड़ 66 लाख 68 हजार रुपये का दुरुपयोग किया गया है. इसमें दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है. 

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