आयुर्वेद में शहद को एक औषधी माना गया है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों का भंडार है. सर्दियों में तो इसका सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और सर्दी-जुकाम, त्वचा की परेशानी और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याओं में राहत पहुंचाता है.
कच्चे शहद का सेवन सर्दियों में इम्युनिटी को मजबूत करता है. इसमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाने और विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करते हैं. यह त्वचा और बालों को भी जरूरी पोषण प्रदान करता है.
रोजाना शहद का सेवन महिलाओं के हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में सहायक हो सकता है. यह टेस्टोस्टेरोन स्तर को संतुलित करता है, जिससे प्रजनन स्वास्थ्य बेहतर होता है और मूड स्विंग्स को कम करने में मदद मिलती है.
सर्दियों में होने वाली गले की खराश को शहद से ठीक किया जा सकता है. हर्बल चाय या अदरक-नींबू की चाय में शहद मिलाकर पीने से गले की सूजन और दर्द में राहत मिलती है. इस तरह शहद का सेवन दिन में दो बार करने से काफी फायदा होता है.
शहद एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक और घावों के लिए घरेलू उपचार के रूप में कार्य करता है. यह घावों को तेजी से भरने में मदद करता है और जलने पर दर्द को कम करता है, साथ ही घाव को संक्रमण से बचाता है.
सर्दियों में त्वचा शुष्क हो जाती है, लेकिन शहद के मॉइस्चराइजिंग गुण त्वचा को हाइड्रेटेड रखते हैं. इसे फेस मास्क या स्क्रब में मिलाकर त्वचा की नमी को बनाए रखा जा सकता है, जिससे स्किन में निखार आता है.
बालों के लिए शहद का उपयोग बालों को मजबूती और नमी प्रदान करता है. दही के साथ शहद मिलाकर हेयर मास्क बनाने से बालों को पोषण मिलता है और रूखेपन से बचाया जा सकता है.
शहद में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सर्दियों में खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करते हैं. इसे गर्म पानी में पीने से मौसमी बीमारियों से बचाव होता है.
शहद में पाए जाने वाले एंजाइम पाचन तंत्र को सुधारते हैं. अगर गैस की समस्या हो, तो खाना खाने से पहले एक-दो चम्मच शहद का सेवन करने से पाचन में मदद मिलती है.
सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है. शहद में मौजूद पोषक तत्व मेटाबोलिज्म को बढ़ाते हैं और शरीर की चर्बी को कम करने में सहायक होते हैं.
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