Winter Health Problems  : ठंड का मौसम सेहत के लिए तो बहुत अच्छा होता है. लेकिन यदि खानपान बेहतर रखें तो...यदि आपने पहनावे और खानेपीने में जरा भी लापरवाही की तो ठंड बॉडी का ये हश्र करेगी दोबारा पनपने में टाइम लगेगा. ठंड में सबसे अधिक खतरा निमोनिया का रहता है. अक्सर देखा जाता है कि जैसे-जैसे पारा गिरता है, निमोनिया के मामलों में वृद्धि दर्ज की जाती है.


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ऐसे लोग जो दमा, अस्थमा, मधुमेह या रक्तचाप जैसी पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें इसका ख़तरा बढ़ जाता है. उन्हें इस दौरान सावधानी बरतनी चाहिए.


क्या है निमोनिया?


जब एक या दोनों फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है तो इसे निमोनिया कहते हैं. इसके चलते फेफड़ों में सूजन आ जाती है. साथ ही फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद पैदा हो सकता है. फेफड़ों में दर्द के चलते सांस लेने में परेशानी हो होने लगती है. ऐसा किसी संक्रमण के चलते होता है. ये एक या दोनों फेफड़ों में वायु की थैलियों को फुला देता है.


ये सामान्यत: बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर करता है. सही समय पर इसका उपचार न करने से पर परेशानी बढ़ सकती है. वैसे तो निमोनिया साल में किसी भी समय हो सकता है, लेकिन सर्दियों के महीनों में लोगों को निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है. 


ठंडा तापमान प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे व्यक्ति संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. इसके साथ ही, लोग सर्दियों के दौरान घर के अंदर और एक-दूसरे के करीब अधिक समय बिताते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है. शुष्क हवा, ठंडा मौसम और तापमान में परिवर्तन भी शरीर को प्रभावित कर सकते हैं. निमोनिया होने पर दिखाई देते हैं ये लक्षण-
निमोनिया के 10 लक्षण जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए.


1. तेज बुखार
यदि आप शरीर के तापमान में अचानक और लगातार वृद्धि देखते हैं, तो यह निमोनिया का शुरुआती लक्षण हो सकता है. तापमान जानने के लिए थर्मामीटर का उपयोग करें और यदि यह 100.4°F से ऊपर है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.


2. खांसी


यदि समय के साथ खांसी बढ़ रही है तो ये निमोनिया का अलर्ट हो सकता है. निमोनिया अक्सर लगातार खांसी की वजह से बनता है जो कफ या बलगम पैदा कर सकता है. खांसी की प्रकृति और अवधि की निगरानी करें और यदि यह एक सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहे या गंभीर हो जाए तो चिकित्सकीय सलाह लें. 


3. सांस लेने में तकलीफ 
सांस लेने में कठिनाई, तेजी से सांस लेना, या कम परिश्रम के दौरान भी सांस फूलना निमोनिया लक्षण हो सकता है. यदि आप ऐसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तत्काल डॉक्टर से मिलें. 


4. सीने में दर्द
गहरी सांस लेने या खांसने पर निमोनिया के कारण सीने में परेशानी या तेज दर्द हो सकता है. यदि आपको लगातार सीने में दर्द का अनुभव होता है, तो डॉक्टर को दिखाएं. 


5. थकान
अत्यधिक थकान या कमजोरी महसूस करना निमोनिया का शुरुआती संकेत हो सकता है. यदि आप लगातार थकान या कमजोरी का अनुभव करते हैं तो चिकित्सकीय सलाह लें. 


6. भूख न लगना
निमोनिया की वजह से भूख नहीं लगती है. यदि आप अपने खाने के पैटर्न में अचानक बदलाव देखते हैं, विशेष रूप से अन्य लक्षणों के साथ, तो नजदीकी डॉक्टर से मिलें.


7. तेज़ धड़कन


निमोनिया के कारण हृदय गति या धड़कन बढ़ सकती है. यदि आप तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन देखते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है.


8. भ्रम 
कुछ मामलों में निमोनिया मानसिक सेहत पर भी असर डालता है. इससे  भ्रम, भटकाव या व्यवहार में परिवर्तन हो सकता है. यदि आप या आपका कोई परिचित अचानक मानसिक परिवर्तन का अनुभव करता है, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें. 


9. होंठ या नाखून नीले पड़ना
निमोनिया की चपेट में आते ही ऑक्सीजन के स्तर में कमी हो सकती है, जिससे होंठ, नाखून या त्वचा का रंग नीला पड़ सकता है. यदि आपको यह लक्षण दिखाई देता है, तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें. 


10. ठंड लगना और पसीना आना
निमोनिया की वजह से अचानक ठंड लग सकती है. बहुत अधिक पसीना आ सकता है. यदि ऐसे किसी भी लक्षण के साथ इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें.