विद्वानों के साथ काशी से अयोध्या पहुंचेगा रजत बिल्व पत्र, सवा पाव चंदन और गंगा की मिट्टी
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विद्वानों के साथ काशी से अयोध्या पहुंचेगा रजत बिल्व पत्र, सवा पाव चंदन और गंगा की मिट्टी

5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे. इसके लिए काशी से पांच विद्वानों को अयोध्या जाना है. उन 5 विद्वानों की निगरानी में ही श्री राम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन होना है. काशी के इन 5 गणमान्य लोगों में 3 ज्योतिषी और 2 संत शामिल हैं.

वाराणसी गंगा घाट

वाराणसी: 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे. इसके लिए काशी से पांच विद्वानों को अयोध्या जाना है. उन 5 विद्वानों की निगरानी में ही श्री राम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन होना है. काशी के इन 5 गणमान्य लोगों में 3 ज्योतिषी और 2 संत शामिल हैं. ये 4 अगस्त को ही अयोध्या पहुंच जाएंगे और अपने साथ काशी विश्वनाथ मंदिर से बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग को स्पर्श कराए हुए 5 चांदी के बिल्व पत्र जिसमे जय श्री राम लिखा होगा, सवा पाव चंदन और गंगा की मिट्टी भी लाएंगे. 

रजत बिल्वपत्र चढ़ाने से नहीं आएगी निर्माण में बाधा 
काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ को बिल्व पत्र सबसे ज्यादा प्रिय है. इस वजह से काशी से रजत बिल्व पत्र अयोध्या ले जाया जा रहा है. रजत बिल्व पत्र पर जय श्री राम लिख कर बाबा विश्वनाथ को स्पर्श कराकर रामजन्मभूमि के शिलान्यास में शामिल किया जाएगा।. भगवान शिव के द्वारा समर्पित बिल्व पत्र भगवान श्री राम के मंदिर में जाएगा तो मंदिर की भव्यता और दिव्यता बढ़ जाएगी. इसके साथ ही मंदिर निर्माण में किसी भी तरह का विघ्न भी नहीं आएगा. 

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सवा पाव चंदन और मां गंगा की मिट्टी भी आएगी
काशी से चांदी के बिल्व पत्र के अलावा सवा पाव चन्दन की लकड़ी और मां गंगा की मिट्टी भी अयोध्या ले जाई जा सकती है. विद्वानों का अनुरोध है कि शिलान्यास के समय अन्य नदियों की मिट्टी के साथ मां गंगा की भी मिट्टी को सम्मिलित किया जाना चाहिए. इसके लिए विद्वान फिलहाल विचार कर रहे हैं. 

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