गोरखपुर/प्रदीप तिवारी: प्यार की मंजिल पाने में प्रेमियों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है, काफी लंबा संघर्ष करना पड़ता है उसके बाद भी कईयों को उनका प्यार नसीब नहीं होता लेकिन गोरखपुर में अपने प्यार को परवान चढ़ाने के लिए एक बहन ने अपने सगे भाई की बलि चढ़ा दी. प्यार में सब कुछ भूल चुकी इस कलयुगी बहन ने पहले तो अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने भाई का गला घोटा और उसके बाद ब्लेड से उसके गले के दो टुकड़े कर डाले. 1 फरवरी को बेलघाट इलाके में गांव के बाहर एक अज्ञात लाश पाई गई. 


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इस लाश का गला बुरी तरह से काटा गया था और हर तरफ खून ही खून पसरा हुआ था. गांव के लोग जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने इस लाश की शिनाख्त गांव के ही रहने वाले अरुण कुमार के रूप में की. अरुण की डेड बॉडी के पास जब उसके घर वाले पहुंचे तो मानो उनके ऊपर वज्रपात हो गया.


अरुण की बहन पूजा ने अपने भाई की हत्या के लिए सीधे तौर पर गांव के कुछ लोगों का नाम लिया और पुरानी रंजिश का हवाला देते हुए उन पर अपने भाई की हत्या का आरोप लगाया.  इस हत्या के मामले में बेलघाट पुलिस ने जब साक्ष्यों के आधार पर घटना की तहकीकात  शुरू की और अरुण तथा उसके परिवार वालों के मोबाइल का कॉल डिटेल निकालना शुरू किया तो कहानी कुछ और नजर आनी शुरू हो गई.



अपने भाई के हत्या का इंसाफ मांग रही पूजा को जो पुलिस वालों ने थाने पर बुलाकर पूछताछ की तो इस पूरे घटना से पर्दा उठ गया और जो कहानी सामने आई उसने सभी को चौंका दिया. 


पुलिसिया अंदाज में जब बेलघाट पुलिस ने पूजा से उस रात के बारे में पूछताछ की तो कुछ ही देर में दूसरों पर आरोप लगाने वाली पूजा का असली चेहरा सामने आ गया और उसने कबूल किया कि अपने भाई की हत्या उसी ने अपने प्रेमी धर्मेंद्र के साथ मिलकर की. पूजा का कहना है कि धर्मेंद्र उसके बहन का देवर था और 5 साल पहले से वह दोनों एक दूसरे से मोहब्बत करते थे.


उसके परिवार में सभी लोग उसके इस प्रेम से वाकिफ और राजी थे लेकिन भाई अरुण इसकी सबसे ज्यादा खिलाफत करता था. अरुण, धर्मेंद्र से उसको मिलने में रोकता था और उसकी काफी पिटाई भी करता था. घटना वाली रात में धर्मेंद्र पूजा से मिलने उसके घर आया था और दोनों एक साथ कमरे में मौजूद थे इसी बीच अरुण को धर्मेंद्र के आने का पता चल गया और उसने जाकर दोनों को गाली देना और पीटना शुरू कर दिया.


रोज-रोज भाई की गालियों और पिटाई से परेशान पूजा ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसका अंत करने का प्लान बना लिया और अपने दुपट्टे से अपने भाई के गले को कसना शुरू कर दिया. पूजा को ऐसा करता देख धर्मेंद्र भी उसके साथ मिलकर अरुण का गला दबाने लगा. पूजा के द्वारा गला घोटने के बाद अरुण की मौत हो गई और उसके शव को धर्मेंद्र पूजा उठाकर गांव के बाहर ले गए. 


जहां पर पूजा ने निर्ममता से ब्लेड से अरुण के गले को काट दिया और चुपचाप दोनों घर आ गए. इन दोनों को लगा था कि इस हत्या का आरोप किसी और पर लगा कर साफ बच जाएंगे और उनके प्रेम की मंजिल में अब कोई बाधा नहीं रहेगी लेकिन पुलिस की सक्रियता ने इनके सभी मंसूबों पर पानी फेर दिया. जिस प्यार को पाने के लिए पूजा ने अपने भाई की बलि दे दी उसी के साथ अब वह ताउम्र जेल में अपने गुनाहों की सजा पाने के लिए भेजी जा रही है.