किशोरी ने किया छेड़छाड़ का विरोध तो जिंदा जलाया, परिजन बोले- `शिकायत पर कार्रवाई होती तो...`
परिजनों का आरोप हैं कि जब घटना के बाद 100 नंबर डाइल किया, तो पुलिस वालों ने उन्हें घायल को अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी.
सीतापुर, राजकुमार दीक्षित: सूबे की योगी सरकार के द्वारा महिलाओं को लेकर भले ही तमाम कानून बनाए गए हो लेकिन उन कानूनों का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. जिसका उदाहरण यूपी के सीतापुर में देखने को मिला, जहां एक किशोरी को छेड़छाड़ का विरोध करने पर जिंदा जला दिया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. किशोरी को घायल अवस्था में ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि शिकायत के बाद अगर पुलिस गांव के दबंग युवक पर कार्रवाई कर देती तो शायद आज उसकी बेटी की यह हालत न होती.
मामला शहर कोतवाली इलाके के हाजीपुर गांव का है, जहां रहने वाला युवक गोलू विगत कई दिनों से गांव की ही एक किशोरी के साथ छेड़खानी कर रहा था. इसे लेकर किशोरी के परिजनों ने कई बार आपत्ति की. वहीं, किशोरी ने भी उसके द्वारा की जाने वाली छेड़खानी का विरोध किया. लेकिन आरोपी नहीं मान रहा था और वह शादी की दवाब बना रहा था.
जानकारी के मुताबिक, बुधवार देर रात किशोरी घर में लेटी थी. तभी आरोपी उसके घर पहुंचा और छेड़खानी करने लगा. किशोरी के विरोध करने पर गोलू ने घर में रखा केरोसिन डालकर उस पर आग लगा दी और मौके से भाग निकला.
किशोरी की चीख-पुकार सुनकर घरवालों सहित आस-पास के लोग एकत्र हो गए और आनन-फानन में आग पर काबू पाया गंभीर हालत में किशोरी को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर देख ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया. किशोरी का आरोप है की गोलू उस पर शादी का लगातार दबाव बना रहा है. शादी न करने पर उसने उसे और उसके मां-बाप को जान से मारने की धमकी दी है.
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पीड़िता की मां का आरोप है कि एक दिन जब उनकी बेटी शौच के लिए गई थी, तभी गांव के गोलू ने उसका हाथ पकड़ कर जोर जबरदस्ती करने लगा. शोर सुनकर वह मौके पर पहुंची, जिस पर आरोपी ने उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी थी.
उन्होंने बताया कि मामले को लेकर कोतवाली में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसपर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. पीड़िता की मां का आरोप है कि अगर उसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी होती तो आज उसकी बेटी की यह हालत न होती. उन्होंने आरोप लगाया जब घटना के बाद 100 नंबर डाइल किया, तो पुलिस वालों ने उन्हें घायल को अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी.