राम मंदिर शिलान्यास के बाद संभल में एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विवादित सामने आया है. बर्क ने कहा वह जगह बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और हमेशा रहेगी.
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सुनील सिंह/संभल: राम जन्म भूमि पूजन पर समाजवादी पार्टी के सांसद और बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक रहे डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने एक विवादित बयान दिया है. बर्क ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने अपनी ताकत के बल पर अदालत से अपने हक में फैसला कराकर मंदिर की संगे बुनियाद रखकर जम्हूरियत और सेक्युलीरिज्म का कत्ल किया है. मुसलमानों के लिए वह जगह बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और हमेशा रहेगी.
बीजेपी ने हमारी कुर्बानी को भुला दिया
बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक रहे बर्क ने कहा देश का मुसलमान मोदी और योगी के रहमो-करम पर नहीं है, देश का मुसलमान अल्लाह के भरोसे पर ज़िंदा है. मुसलमान मायूस न हों. एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने बयान में यह भी कहा कि बीजेपी सरकार ने देश के लिए दी गई मुसलमानों की कुर्बानी को भुला दिया है.
मस्जिदों में सामूहिक नमाज को बताया था जायज
यह पहली बार नहीं जब बर्क ने विवादित बयान दिया हो. बल्कि वह संवेदनशील मुद्दों पर अक्सर विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहते हैं. शफीकुर्रहमान बर्क ने हफ्तेभर पहले बकरीद पर मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर लगी पाबंदी हटाने जैसा विवादित बयान सियासी माहौल को गरमा दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल
अब जबकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया है तो एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान देकर बीजेपी सरकार पर आरोप लगाने के साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत पर सरकार के दबाव में फैसला देने का आरोप लगा डाला है.
सियासत और कुछ और?
दरअसल, एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बाबरी मस्जिद कमेटी के संयोजक भी रहे हैं. इसलिए अपनी कौम पर पकड़ बनाए रखने के लिए इस तरह के विवादित बयान देना शायद उनकी सियासी मजबूरी भी हो.
अखिलेश ने कल कहा था जय श्री राम, आज बदले सुर
अखिलेश ने इसी बहाने मोदी सरकार पर तीखा तंज कसा है. उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के एक वक्तव्य को ट्वीट करते बीजेपी की मानसिकता पर सवालिया निशान लगाए हैं. उन्होंने लिखा कि धर्म और राजनीति का रिश्ता बिगड़ गया है. धर्म दीर्घकालीन राजनीति है और राजनीति अल्पकालीन धर्म.
धर्म और राजनीति का रिश्ता बिगड़ गया है। धर्म दीर्घकालीन राजनीति है और राजनीति अल्पकालीन धर्म। धर्म श्रेयस की उपलब्धि का प्रयत्न करता है, राजनीति बुराई से लड़ती है।
- डा० राम मनोहर लोहियाInvest in people, Invest in infrastructure — Be Socialist. pic.twitter.com/c0BJnFVOk2
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 6, 2020
हालांकि राम मंदिर भूमि पूजन के उन्होंने ट्वीट किया था और कहा था कि भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व व श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें. आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी.
सपा करती है राम मंदिर का विरोध
बता दें कि समाजवादी पार्टी हमेशा से अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने का विरोध करती रही है. समाजवादी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और यूपी तत्कालीन मुख्यमंत्री पर साल 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने का आरोप है. अखिलेश यादव ने भी कभी श्री राम मंदिर का समर्थन नहीं किया है.