कोरोना ने बच्चों पर डाला बुरा असर, अब उन्हें बचाने की जिम्मेदारी हमारी, इन दो नंबर पर दें जानकारी
आज-कल बच्चों की फोटो को सोशल मीडिया पर डालकर कुछ भी लिखा जा रहा है. यह उचित नहीं है. Juvenile Justice के तहत बच्चों की पहचान सामने नहीं लाई जा सकती.
लखनऊ: कोरोनावायरस ने बड़ों के साथ-साथ बच्चों पर भी भयानक असर डाला है. प्रदेश में कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता या पिता को खो दिया है. कइयों के सिर से तो दोनों का साया उठ गया है. उनका ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं है. ऐसे बच्चों का किसी भी प्रकार के शोषण या प्रताड़ना से बचाव करना जरूरी है. UNICEF के विमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने एक ऑनलाइन मीटिंग में ऐसे बच्चों के लिए की जाने वाली कोशिशों के बारे में बात की.
'लकी ड्रॉ में मिलेगी गाड़ी, बस बैंक डिटेल्स दे दीजिए', ठगों ने खाते से निकाल लिए 1.71 लाख
यूनीसेफ ने की अपील
अधिकारियों ने बच्चों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1098 और 181 के बारे में जानकारी दी है. बच्चों के उत्पीड़न, चाइल्ड ट्रैफिकिंग और कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के मामले में पूरी सजगता से संज्ञान लिया जा रहा है. यूनीसेफ ने एनजीओ से अपील की है कि सरकार ने जितनी योजनाएं बच्चों के लिए बनाई हैं, उनसे जरूरतमंदों को अवगत कराएं.
Lucknow University ने UG और PG के 10 सबजेक्ट के रिजल्ट किए घोषित, ऐसे करें चेक
टास्क फोर्स कर रही ये काम
मीटिंग में ये बात भी सामने आई कि आज-कल बच्चों की फोटो को सोशल मीडिया पर डालकर कुछ भी लिखा जा रहा है. यह उचित नहीं है. Juvenile Justice के तहत बच्चों की पहचान सामने नहीं लाई जा सकती. अब डीएम की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाई गई है, जो अनाथ बच्चों को (या ऐसे बच्चों को, जिनके माता-पिता पॉजिटिव हैं) खोजकर सही मार्ग दिखाएगी और सही जानकारी प्रदान करेगी. संस्था का मानना है कि एक बच्चे का सही विकास परिवार के बीच ही होता है. इसलिए उनका किसी संस्था में प्रवेश आखिरी ऑप्शन होना चाहिए.
जानते हैं सरकारी कामों में तहसीलदार, लेखपाल और कोतवाल का क्या होता है रोल? जानें यहां
सही जगह पर दें अनाथ हुए बच्चों की जानकारी
गौरतलब है कि बालगृहों में एक क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां पर लगभग पूरा स्टाफ ही वैक्सीनेटेड है. बच्चों को अडॉप्ट करने का एक प्रोसेस है. लीगल रेजिस्ट्रेशन के बाद ही उन्हें गोद लिया जा सकता है. गैर-कानूनी तरीके से कोई भी काम करने पर सजा का प्रावधान है. यूनीसेफ ने साफ कहा है कि कोरोना महामारी से प्रभावित परिवारों के बच्चों की जानकारी सही जगह पर देना जरूरी है. तभी बच्चे को जरूरी मदद मिल सकेगी.
शपथ ग्रहण कर घर लौट रहे प्रधान पर चढ़ाया ट्रैक्टर, हार से बौखलाए प्रत्याशी ने रची साजिश
सोशल मीडिया पर की जाने वाली अपील गैर-कानूनी
आपने भी देखा होगा कि इंटरनेट के कई प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों के अडॉप्शन को लेकर कई अपील की जा रही हैं. ऐसे सभी मैसेज गैर-कानूनी हैं. साथ ही, बच्चों को अपने परिवार से दूर कर गलत हाथो में डाल सकते हैं. इससे बच्चों पर खतरा और बढ़ जाएगा.
WATCH LIVE TV