Agnipath Bharti: बीजेपी का 'अबकी बार 400 पार' का नारा को भले हो ही गया लेकिन एनडीए के साथ मिलकर पार्टी ने सरकार बना ली है. हलांकि, अब सरकार बनाने के बाद अपनी नीतियों की समीक्षा भी पार्टी ने शुरू कर दी है जिन इलाकों से बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होने युवा जाते हैं वहां पर बीजेपी को चुनाव में ठीकठाक नुकसान हुआ है. ऐसे में अग्निपथ स्कीम की पड़ताल भी सरकार ने शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार ने एक समूह को अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए व सशस्त्र बलों की भर्ती योजना को और ज्यादा आकर्षक कैसे हो इसके तरीके सुझाने का काम दिया है. यह समूह 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों का है. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार जल्दी से जल्दी अग्निपथ स्कीम की हर कमी को दूर करपने के रास्ते तलाशने लगी है. 


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बदलाव के लिए सर्वे 
वहीं, दूसरी ओर सैन्य सूत्रों के हवाले से खबर है कि इंडियन आर्मी ने इस योजना में बदलाव के लिए कुछ सर्वे करवाए हैं. आर्मी ने योजना को लेकर इंटरनल सर्वे किया है. इसमें कुछ अहम पॉइंट्स भी बताए हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि भारतीय सेना (Indian Army) ने अग्निवीर योजना के कुछ प्रावधानों को बदलाव की इच्छा भी जाहिर कर रही है. इसमें पांच बदलाव की बात चर्चा में हैं. 


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पांच महत्वपूर्ण बदलाव 
भारत सरकार ने साल 2022 में अग्निवीर योजना की घोषणा की थी जिसका बहुत विरोध हुआ. सैन्य सूत्रों की माने तो इस योजना में अग्निवीरों की संख्या में सबसे पहला बदलाव बढ़ोत्तरी करनी है. फिलहाल 4 साल के समय के बाद ही 25 फीसदी को रिटेन किया जाता था जिसे बढ़ाया जाए और इसे 60-70 फीसदी किया जाए. (Agnipath Recruitment Scheme)
आर्मी के इंटरनल सर्वे के अनुसार अग्निवीर योजना में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव की इच्छा ये है कि इसकी कार्यावधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल किया जाए. 
टेक्निकल फील्ड को लेकर बगलाव की बात की जा रही है. टेक्निकल फील्ड में भर्ती की उम्र  फिलहाल 17-21.5 साल है जिसको बढ़ाकर 23 साल करने की इच्छा की गई है.  आर्मी ने इस योजना में एक और बड़े बदलाव की इच्छा की है. अगला बदलाव विकलांगता भुगतान का है जिसमें सेवा में रहते हुए दिव्यांग होने पर भुगतान के साथ ही दूसरी नौकरी देना है इस योजना में बदलाव का आखिरी बिन्दु ये है कि सेना ये चाहती है कि युद्ध के दौरान कोई अग्निवीर शहीद होता है तो उसके परिवार को जीवन निर्वाह के लिए भुगतान हो.