जौहर यूनिवर्सिटी मामले में आजम के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह, लेकिन आदेश तो कोर्ट ने दिया है
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जौहर यूनिवर्सिटी मामले में आजम के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह, लेकिन आदेश तो कोर्ट ने दिया है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते सोमवार को रामपुर जिला अदालत ने साल 2019 में एसडीएम सदर की कोर्ट द्वारा मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने के फैसले को बरकरार रखा.

रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का वह गेट जिसे तोड़ने का आदेश है.

रामपुर: रामपुर में बनी मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट अभी टूटा भले नहीं हो लेकिन उसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सोशल मीडिया में #SaveJauharUniversity ट्रेंड कराया जा रहा है. कैम्पेन चलाया जा रहा है. अब इस मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर भाजपा को बनाने की जगह विध्वंस करने वाला बताया है. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते सोमवार को रामपुर जिला अदालत ने साल 2019 में एसडीएम सदर की कोर्ट द्वारा मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने के फैसले को बरकरार रखा. आरोप था कि रामपुर के सपा सांसद मोहम्मद आजम खान ने पीडब्ल्यूडी की सड़क पर कब्जा कर यूनिवर्सिटी का गेट खड़ा करवा दिया था.

जांच में सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप सही निकला
इसके खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में शिकायत की थी. इस संबंध में जांच हुई तो आरोप सही पाया गया. इसके बाद एसडीएम सदर कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़कर सरकारी जमीन खाली कराने का आदेश दिया था और जुर्माना भी लगाया था. इसके आदेश के खिलाफ मोहम्मद आजम खान और जौहर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

कोर्ट ने खारिज की आजम और यूनिवर्सिटी की याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सांसद और जौहर यूनिवर्सिटी को जिला अदालत में अपील दाखिल करने के लिए कहा था. ​रामपुर जिला अदालत ने सोमवार को आजम खान और जौहर यूनिवर्सिटी की अपील खारिज कर दी और एसडीएम सदर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. अब रामपुर प्रशासन जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़कर सरकारी जमीन खाली करवाने के लिए स्वतंत्र है.

लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, मानों यूपी सरकार ने यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने का आदेश जारी किया हो. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आजम खान के पक्ष में आए लगातार दो ट्वीट कर योगी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा, ''भाजपा केवल विध्वंस में विश्वास करती है निर्माण में नहीं. जौहर विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थान है. उसमें तोड़फोड़ की क्या आवश्यकता है? केवल इसलिए कि उसे खड़ा करने में आजम खान जी ने अपना पूरा राजनीतिक जीवन झोंक दिया?''

यही नहीं उन्होंने एक और ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए लिखा, ''योगी जी उच्च कोटि के नए विश्वविद्यालय खड़ा करिए. जौहर विश्वविद्यालय को और कैसे उच्च कोटि का शिक्षण संस्थान बना सकते हैं उस पर विचार करिए. उसे नष्ट करने की पहल न करें.'' दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने का #SaveJauharUniversity हैशटैग भी लगाया है.

शुरू से विवादों में रही है मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी शुरू से विवादों में रही है. इसके लिए किसान की जमीनें कब्जाने का आरोप लगते रहे हैं. साल 2019 में 26 किसानों ने मुकदमे भी दर्ज कराए थे. रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खान के खिलाफ भू-माफिया का केस भी दर्ज किया है. इतना ही नहीं आजम खान पर चकरोड की जमीन पर कब्जा कर यूनिवर्सिटी की बाउंड्री खड़ी करने का आरोप था. रामपुर प्रशासन ने बीते साल बाउंड्री वॉल तोड़कर जमीन खाली करवा ली थी.

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