Gk Questions: कई पश्चिमी संस्कृतियों में कौआ मौत बीमारी या बुरी चीज़ों के साथ ऐतिहासिक रूप से जुड़ा होता है. किसानों की फसल बर्बाद करने को लेकर हमेशा से यह पक्षी नापसंद किया जाता रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कौआ और काला कौआ दुनिया के सबसे चतुर पक्षी माने जाते हैं. इनकी विशेषता ये होती है कि ये जल्द ही शिकारी को परख लेते हैं और किसी दूसरे पक्षी पर जल्दी भरोसा नहीं करते हैं.


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कौवे और काले कौवे में थोड़ी समानताएं
कौवे और काले कौवे में थोड़ी समानताएं देखी गई हैं. कला कौआ अधिक चतुर माना गया है तो वहीं मान्यता है कि काला कौआ लोगों के लिए काल बनकर आता है जिसे लोग पसंद नहीं करते. हालांकि कुछ लोग ये भी मानते हैं कि काला कौआ दिखने में जितना काला हो वो उतना ही चालाक होता है. कौवे और काले कौवे को सगुन और अपसगुन से भी जोड़ा जाता है. 


कौओं को खाना खिलाना शुभ
मान्यता है कि अगर कौओं को सामने से खाना खिलाए तो यह शुभ होता है. ऐसा करने से यश की प्राप्ति तो होती है साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है. कौवे और काले कौवे दोनों पक्षी बहुत तेज व शातिर माने गए हैं. ये शिकार करने में माहिर होते हैं और इनका शरीर बहुत हल्का होता है. ऐसे में ये दूर तक उड़ान भर पाते हैं. ये खाने की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहुंचते हैं और कुछ समय के लिए आराम भी करते हैं. गर्मी के दिनों में कौओं को अधिक प्यास लगती है जिससे ये परेशान तो होते हैं लेकिन पानी ढूंढ लेते हैं. हालांकि कई देशों से ये कौवे विलुप्ति की कगार पर हैं. भारत में भी अब बहुत कम कावे देखे जाता है. श्राद्ध के समय कौवों का महत्व बढ़ जाता है.


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