Gyanvapi survey latest update: ज्ञानवापी सर्वे में कौन सी मशीनें हो रही हैं इस्तेमाल, यहां जानें कल क्या- क्या हुआ?
Gyanvapi survey: ज्ञानवापी में मंदिर है या मस्जिद यह पता लगाने के लिए एएसआई का सर्वे लगातार जारी है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने इसके बारे में कुछ नई जानकारियां दी हैं.
Gyanvapi survey latest update: काशी यानि वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI ) की टीम का सर्वे तीसरे दिन भी जारी है. अब तक इस सर्वे में कई तरह के खुलासे हुए हैं. ज्ञानवापी को लेकर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष लगातार अपनी दलीलें दे रहे हैं. मुस्लिम पक्ष ये मानने को तैयार नहीं है कि यहां पर शिव मंदिर था, वहीं हिन्दू पक्ष लगातार कोशिश कर रहा है कि साबित हो सके कि यह मस्जिद शिव मंदिर पर बनाई गयी है.
विस्तार
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है. 4 अगस्त से दोबारा शुरू हुए इस सर्वे में कौन सी मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं और किन बातों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि कल (शनिवार) को पूरे इलाके की टोपोग्राफी समझने के लिए डीजीपीएस मशीन का इस्तेमाल किया गया था. लैंड सर्वे में ये कारगार होती है.पश्चिमी दीवार की डिटेल स्टडी हुई है. वहां से लेकर बैरिकेडिंग तक का जो एरिया था, उसमें जो घास थी उसे हटाया गया. तहखाने थे उसे साफ कराया गया है. बहुत सारा मलबा ठीक करने की कोशिश की जा रही है ताकि उसके बाद जांच की जा सके.
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मुस्लिम पक्ष के कब्जे वाले तहखाने भी खोले गए
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने आगे कहा कि सेंट्रल डोम के नीचे होलो साउंड आ रही है उसे मैंने उठाया है, वहां पर जांच चल रही है. सेंट्रल डोम के नीचे जाने का जो रास्ता बना हुआ है, जिसे आर्टिफिशियल एरिया से कवर किया है, उसे भी प्वाइंट आउट किया गया है. जैसे ही आप बैरिकेटिंग के अंदर जाते हैं तो दाएं तरफ एक तहखाना है. उसे खोला गया. दो तहखाने हैं, एक व्यास जी का है जिसका दरवाजा टूटा हुआ है और एक मुस्लिम पक्ष के कब्जे में तहखाना था उसे भी खोला गया है और जांच चल रही है.
कब जमा होगी सर्वे की रिपोर्ट
ज्ञानवापी परिसर का विवाद लगभग 350 साल पुराना है हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में औरंगजेब के आदेश पर मंदिर ध्वस्त करके वहां मस्जिद बनाई गई, इसके बाद साल 1919 से यह बहस लगातार जारी और कानूनी लड़ाई चल रही है. एसआई ने 24 जुलाई 2023 के दिन सर्वे शुरू किया. इसी दिन मुस्लिम पक्ष की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को इलाहबाद हाईकोर्ट भेज दिया और फैसला आने तक सर्वे पर रोक लग गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सर्वे पर रोक लगाने से इनकार किया था. अब जब चार अगस्त के दिन सर्वे दोबारा शुरू हुआ है. अदालत ने नई डेडलाइन देते हुए एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.
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