नई दिल्ली:  पूरे देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) ने फिर से एक बार लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से हो रहा है इसके बावजूद भी कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हमें पूरी सावधानी के साथ रहना है और फिलहाल इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और दो गज की दूरी ही बेहतर उपाय है. 


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कोरोनावायरस से बचाव के लिए कौन सा मास्क खरीदें?


यह सवाल ज्यादातर लोगों को जेहन में चलता रहता है. मास्क जब भी खरीदें तो ध्यान रखें ये हमें पूरी सुरक्षा देता हो, सिर्फ फैशन या आरामदायक हो, ये सोचना काफी नहीं हैं. सबसे बड़ी बात है कि मास्क खरीदते समय ध्यान रखें की ये आपके चेहरे पर पूरी तरह फिट होना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं है तो इसका कोई फायदा नहीं होता. फेसमास्क के कुछ और प्रकार भी हैं जो वायरस से बचाव करते हैं, जानिए कौन का मास्क कितनी सुरक्षा देता है.


बाजार में हैं अलग-अलग तरह के मास्क
डाक्टर्स और एक्सपर्ट्स  N95 मास्क पहनने की सलाह देते हैं. तो आपने देखा होगा कि कई लोग सर्जिकल तो कई कपड़े से बने मास्क भी पहनकर घूमते हैं. N95 Mask के अलावा आपने कई लोगों के चेहरे पर  KN95 लिखे हुए मास्क भी देखे होंगे. अब सवाल उठता है कि कौन सा मास्क बेहतर है N95 Mask या KN95. इन दोनों में क्या अंतर है और कौन सा मास्क बेहतर है. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे N95 Mask और KN95 मास्क में डिफरेंस और इनसे जुड़ी खास बातों के बारे में.


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N95 Mask
यह कोरोनावायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क है. यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बारीक कणों को भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है. यह हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा है. कोरोनावायरस के कण डायमीटर में 0.12 माइक्रॉन जितने होते हैं, जिसकी वजह से यह काफी हद तक मदद करता है. यह बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 100 फीसदी बचाता है. इसके लुक को लेकर लोगों में थोड़ा कन्फ्यूजन रहता है. काफी लोगों को लगता है कि ये आरामदायक नहीं है.


KN95 मास्क
अधिकतर N95 मास्क होते है, जो आपको दिखने में एक कटोरी जैसे लगते हैं और KN95 मास्क थोड़े अलग होते हैं और आमतौर पर लोग ये मास्क पहने हुए नज़र आ जाते हैं.  0.3 माइक्रोन पार्टिकल्स को रोकने में सक्षम होते  हैं. KN95 Mask भी N95 मास्क की तरह काम करता है.


N95 मास्क और KN95 मास्क में अंतर
इन दोनों मास्क में अप्रूवल और कंफर्टेबल के आधार पर थोड़ा अंतर है. वैसे गुणवत्ता के आधार पर तुलना करें तो दोनों मास्क में कोई खास फर्क  नहीं होता है. दोनों मास्क एक जैसे ही होते हैं और दोनों मास्क ही 0.3 माइक्रोन पार्टिकल्स को रोकने में सक्षम होते हैं. इसके अलावा दोनों की फ्लो रेट भी करीब 85 L/Min होती है. साथ ही कई अन्य मायनों में भी दोनों मास्क एक जैसा ही काम करते हैं और क्वालिटी के मामले में एक जैसे ही होते हैं. कई रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों मास्क में कोई खास अंतर नहीं होता है.  


KN95 थोड़ा आरामदायक होते हैं N95 की तुलना में
कई लोगों को मानना है कि KN95 मास्क कैरी करने में थोड़े कंफर्टेबल होते हैं, जबकि N95 मास्क को ज्यादा देर तक लगाए रखने में मुश्किल होती है. वहीं, सबसे खास अंतर दोनों मास्क के अप्रूवल के आधार पर ही होता है. N95 मास्क को अमेरिकी संस्थान के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ की ओर से अप्रूवल मिला है. वहीं, KN95 मास्क की बात करें तो यह NIOSH की ओर से अप्रूव्ड नहीं है. हालांकि, चीन जैसे कई दूसरे देशों के संस्थानों ने इस अप्रूवल दिया है. अधिकतर देश N95 मास्क पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं और कई देशों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.


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कौन सा मास्क बेहतर?
मास्क को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स हैं. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मास्क N95 हो या KN95 मास्क दोनों ही बेहतर हैं. मास्क को पहनने के तरीका भी निर्भर करता है कि हम अपनी सुरक्षा को लेकर कितने सजग हैं. सही तरीके से मास्क पहनना चाहिए. N95 बेहतर मास्क माने गए हैं, इसके बाद सर्जिकल और इसके बाद कपड़े वाले मास्क को सबसे सेफ माना जाता है. कपड़े वाले मास्क को साफ रखना और हर यूज के बाद धोना बेहद जरूरी है. सर्जिकल मास्क भी बेहतर हैं. ये सिंगल यूज होते हैं. WHO ने भी माना था की N95 मास्क बेहतर होते हैं बाकी के मास्कों की तुलना में, लेकिन बाद में स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि सर्जिकल मास्क जोकि सिंगल यूज होते हैं वो बेहतर बचाव करते हैं. 


कौन सा मास्क सबसे बेहतर, सर्जिकल या कपड़े वाला? सर्जिकल मास्क के मुकाबले कपड़ा ज्यादा पोरस होता है क्योंकि इसके छेद बड़े होते हैं. इसलिए सर्जिकल मास्क ज्यादा बेहतर है लेकिन यह उपलब्ध न होने पर कपड़े का तीन परत वाला मास्क ही पहनें.


सर्जिकल या धोकर पहनना कितना सेफ?


हम मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने मास्क का ध्यान रखें और उन्हें सही तरह से स्टोर करके रखें. मास्क की गुणवत्ता तब कम होने लग जाती है जब इसके अंदर मौजूद फैब्रिक बेजान होने लगते हैं. कठोर धुलाई और केमिकल के वजह से भी फैब्रिक अपनी गुणवत्ता खोने लगते हैं. अगर आप अपने मास्क को सही तरह से स्टोर करके नहीं रखते हैं, खासकर उन मास्क को जिनमें नोज क्लिप लगा रहता है, तब इनमें जगह बन जाती है जहां कीटाणु घुस सकते हैं. इसीलिए यह जरूरी हो जाता है कि मास्क का इस्तेमाल करने के साथ हम इनका ध्यान भी रखें.


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मास्क पहनते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को साबुन पानी या फिर ऐल्कॉहॉल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें. अपनी नाक और मुंह को मास्क से अच्छी तरह से ढंक लें ताकि मास्क और चेहरे के बीच कोई गैप न रहे. मास्क पहने हुए हैं तो उसे बार-बार गंदे हाथों से टच ना करें. सिंगल यूज मास्क को दोबारा बिलकुल यूज न करें और हर बार एक नए मास्क का इस्तेमाल करें. मास्क को हटाते वक्त उसे सामने से बिलकुल टच न करें और पीछे की तरफ से पकड़ कर खोलें और तुरंत ऐसे डस्टबिन में डालें जिसमें ढक्कन लगा हो. उसके बाद एक बार फिर हाथों को साबुन पानी या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें.


कैसे करें बचाव?
स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगातार साबुन और पानी से हाथ धोएं. हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साथ ही ऐसे शख्स, जिसे बुखार और जुकाम या कोरोना जैसे लक्षण हों, उनसे 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें. अपने आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें. मास्क लगाकर रखें. जब तक जरूरी नहीं हो तब तक भीड़-भाड़ वाली जगह पर न जाएं. इसके अलावा जरूरी न होने पर अस्पताल, फॉर्मेसी और डॉक्टर के पास जानें से बचें. किसी भी तरह की तकलीफ होने पर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर से संपर्क करें. 


देश में कोरोना की मौजूदा हालात


  • कुल मामले- एक करोड़ 21 लाख 49 हजार 335

  • कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 14 लाख 34 हजार 301

  • कुल एक्टिव केस- पांच लाख 52 हजार 566

  • कुल मौत- एक लाख 62 हजार 468

  • कुल टीकाकरण- 6 करोड़ 30 लाख 54 हजार 353 डोज दी गई


भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश


देश में कोरोना संक्रमण खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है. लगातार सातवें दिन 50 हजार से ज्यादा कोरोना केस आए हैं. यही नहीं, 16 दिसबंर के बाद पहली बार एक दिन में साढ़े तीन सौ से ज्यादा संक्रमितों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 53,480 हजार नए कोरोना केस आए और 354 लोगों की जान चली गई है. हालांकि 41,280 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है. रिकवरी दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारत में हुई है. मौत के मामले में अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको के बाद भारत का नंबर है.


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