Independence Day 2023 Difference between Flag Hoisting and Flag Unfurling: आज देशभर में स्वतंत्रता दिवस मना जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस को लेकर देशभर में धूम देखने को मिल रही है. क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का तरीका काफी अलग होता है? अगर नहीं तो पढ़ें पूरा आर्टिकल
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Independence Day 2023: आज यानी 15 अगस्त को देशभर में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) मनाया जा रहा है. भारत आजादी के 76वें साल का जश्न मना रहा है. 15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. आजादी के लिए भारत मां के कई वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया, तब जाकर कहीं हिन्दुस्तान विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में सामने आया. यही वजह है कि यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है.
देश के प्रधानमंत्री हर साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं. जबकि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं. तिरंगा हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है. हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है, लेकिन इन दोनों ही दिनों में झंडा फहराने में अंतर होता है. क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है? अगर नहीं, तो आइए आपको उन अंतरों के बारे में बताते हैं...
पहला अंतर
स्वतंत्रता दिवस (Indipendence Day) पर राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की ओर खींचा जाता है. इसके बाद फहराया जाता है. दरअसल, जिस दिन भारत को आजादी मिली थी, उस दिन ब्रिटिश सरकार ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था. यही वजह है कि हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचकर फिर फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं. जबकि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस (Republic Day) वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है. उसे केवल फहराया जाता है. यही वजह है की उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं.
दूसरा अंतर
15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. जबकि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. दरअसल, देश का राजनीतिक प्रमुख प्रधानमंत्री होता है जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है. देश का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. उससे पहले न देश में संविधान था और न ही राष्ट्रपति का पद. इसी वजह से हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा' फहराते हैं.
तीसरा अंतर
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले पर किया जाता है. इस दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण के बाद लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हैं. जबकि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन राजपथ पर किया जाता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं.
15 अगस्त और 26 जनवरी
भारत 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. आजादी के जश्न को मनाने के लिए देश भर में हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. वहीं 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था. इसके कई कारण थे. देश के स्वतंत्र होने के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. वहीं, 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया.
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