GREATER NOIDA: एक RTI के जवाब में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने जवाब दिया है कि पिछले दो सालों में प्राधिकरण की बैठकों में 71 लाख का चाय नाश्ता किया गया. इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान भी 2- 2 लाख का बिल आया. इस आरटीआई में और भी कई खुलासे किए गए हैं...
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BALRAM PANDEY/ GREATER NOIDA: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में सालों तक लोगों को रजिस्ट्री और पजेसन को लेकर चक्कर लगाने पड़ते हैं.ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में काम करवाना मतलब लोहे के चने चबाना. लोग यहां दर- दर भटकते हैं इसके बावजूद भी यहां काम नहीं होता. एक RTI में नोएडा अथॉरिटी ने जो जवाब दिया है उसको देखकर सब हैरान हैं. चाय के नाम पर यहां के अधिकारी और कर्मचारी 2 साल में 71 लाख रुपये का चाय नाश्ता कर चुके हैं. नोएडा अथॉरिटी पर एक समाजिक कार्यकर्ता ने RTI लगाई थी.
2020 से जून 2022 तक लाखों की चाय
नोएडा अथॉरिटी में दो साल में लगभग 71 लाख का चाय- नाश्ता किया गया. इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान भी 2-2 लाख रुपये की चाय पी गई. यहां 1 महीने में कम से कम पौने चार लाख रुपये तक बिल बनाए गए हैं. इस आरटीआई में अथॉरिटी ने जवाब दिया कि यह चाय- नाश्ता का बिल क्षेत्रीय बैठकों और किसानों की बैठकों के दौरान का आया. चाय नाश्ता का यह भारी- भरकम बिल अप्रैल 2020 से जून 2022 के बीच का है.
किसानों ने दिया जवाब
किसान संगठनों का कहना है कि किसानों के साथ बहुत कम बैठक हुई. बैठक में किसानों को सिर्फ पानी पिलाया जाता था. किसानों के नाम पर अधिकारी अपना घोटाना छुपा रहे हैं. बैठक में गिनती के किसान ही बुलाए जाते थे और अक्सर पानी ही पीलाया जाता था. कभी-कभार की चाय का इतना बिल कैसे आ गया.
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किसने लगाई थी आरटीआई
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर आरटीआई सामाजिक कार्यकर्ता सागर खारी ने लागाई थी. प्राधिकरण कार्यलय में अक्सर बैठकों का आयोजन किया जाता है. RTI के जवाब में जो बिल दिखाए गए उनके अनुसार चाय- नाश्ते का विशेष इंतजाम रहता था. लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यहां बैठकों में सिर्फ पानी दी दिया जाता है.कभी- कभी चाय दी जाती है.
टोटल कितने की चाय
नोएडा अथॉरिटी के अनुसार अप्रैल में 1,74,670 व मई में 2,26,335 रुपये की चाय पी गई. सर्वाधिक चाय-नाश्ते का बिल 3,84,746 रुपये का दिसंबर 21 का बना है. मार्च 2022 में 3,69,444 रुपये का बिल बना है. 2022 मार्च, अप्रैल, मई व जून में सभी माह का बिल 3 लाख रुपये से अधिक का है.
अब आगे क्या
सागर खारी का कहना है नोएडा अथॉरिटी ने दोबारा अपील करने के बाद जवाब दिया. बिल तैयार करने में घोटाला हुआ है. मुख्यमंत्री कार्यालय व लोकायुक्त को पत्र लिखकर बिल की जांच कराने की मांग करेंगे.
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