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बाबा भोले की नगरी काशी में जमकर खेली गई चिता की राख से होली, देखें Photos

काशी में होली पर भक्तों ने मणिकर्णिका महाश्मशान पर चिताओं की राख से होली खेली. भक्तों ने यहां हर-हर महादेव के जयकारे लगाए.

रंग, गुलाल से नहीं चिताओं की राख से खेली गई होली

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रंग, गुलाल से नहीं चिताओं की राख से खेली गई होली

काशी में होली पर भक्तों ने जयकारा लगाते हुए मणिकर्णिका महाश्मशान पर चिताओं की राख से होली खेली. इस दौरान महाश्मशान पर शंकर स्वरुप विराजमान बाबा मशाननाथ की आरती उतारी गई. जिसके बाद शुरू हुआ अविनाशी के अडभंगी मिजाज का दौर.

 

गले में इंसानी खोपड़ियों की माला और शरीर पर राख

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गले में इंसानी खोपड़ियों की माला और शरीर पर राख

गले में इंसानी खोपड़ियों की माला और शरीर पर राख लगाए भोले के गण के रूप में भक्तों ने जलती चिताओं के बीच होली खेली. यहां भक्तों ने एक दूसरे को रंग, अबीर या गुलाल नहीं बल्कि राख लगाया. मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ होली के मौके पर अपने गणों के साथ चिताओं के भस्म से ही होली खेलते हैं. लिहाजा भोले के भस्म रंग में रंगकर हर कोई मुग्ध हो गया.

जलती चिता के सामने खेली होली

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जलती चिता के सामने खेली होली

वाराणसी की परम्परा में शुमार चिता भस्म की होली के रंग में हर काशीवासी रंगा नजर आया. शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे बाबा महाश्मशान नाथ की मध्यान आरती गुलशन कपूर द्वारा किये जाने के बाद जलती चिता के सामने जमकर होली खेली गई.

चिता भस्म की होली में विदेशी पर्यटको भी हुए शामिल

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चिता भस्म की होली में विदेशी पर्यटको भी हुए शामिल

चिता भस्म की होली में भारतीयों के साथ-साथ कई विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए. आरती में मंदिर व्यवस्थापक गुलशन कपूर, चैनू प्रसाद गुप्ता, मंहत बालक दास मनीष खत्री, विजय शंकर पाण्डेय, बिहारी लाल गुप्ता, दीपक तिवारी, रामबाबू यादव, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.