buknu powder recipe: बुकनू हर मर्ज की एक ही दवा है. सिर्फ स्वाद ही नहीं, ये चूरन आपके पेट का भी सबसे बढ़िया दोस्त है.
अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं तो ‘बुकनू’ आपकी यादों का एक हिस्सा जरूर होगा. आपने अक्सर बुजुर्गों के मुंह से बुकून का ना जरूर सुना होगा. जब भी आपको लगे कि कुछ ज्यादा ही खा लिया है, तब आप इस बुकनू को खाकर इसे पचा सकते हैं.
बुकनू आज दुनिया के कई हिस्सों के लोगों का हाजमा ठीक करने वाली औषधि बना हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि पूरे उत्तर भारत में स्वाद का जादू चलाने वाले इस बुकनू की शुरुआत कानपुर की गलियों से हुई है.
दाल-सब्जी और रोटी पर लगाकर खाना हो या फिर चौराहे की चाट का स्वाद बढ़ाना हो, बुकनू हर मर्ज की एक ही दवा है. सिर्फ स्वाद ही नहीं, ये चूरन आपके पेट का भी सबसे बढ़िया दोस्त है.
वैसे उत्तर भारत में पहले घर में ही बुकनू तैयार किया जाता था. समय के साथ ये बाजार में मिलने लगा है. अभी भी कई घरों में बुकनू घर में ही तैयार किया जाता है. ये आयुर्वेदिक चूरन है जिसे पूरी, पराठा, रोटी, सब्जी पर ऊपर से बुरक कर खाया जाता है.
बुकनू बनाने के लिए आपको किचन के मसालों के साथ-साथ कुछ आर्युवेदिक मसाले इस्तेमाल होते हैं. आपको ये किराने की दुकान से मिल जाएंगे या ऑनलाइन भी इन्हें ऑर्डर किया जा सकता है.
बड़ी हरड़ (हर्र भी बोली जाती है), छोटी हरण, बहेड़ा, वायविडंग और सूखा आंवला को 50-50 ग्राम ले लीजिए. एक बड़ा चम्मच जीरा, 1 छोटी चम्मच अजवायन और सौंफ, 5 बड़ी इलाइची और इतनी ही छोटी इलाइची, 1 चम्मच काली मिर्च और 1 चम्मच सौंठ,2 चम्मच सामान्य नमक, 1 छोटी चम्मच सेंधा नमक, 5 टुकड़े बड़ी हल्दी, 20 ग्राम छोटी पीपल, नौसादर, 1 बड़ा चम्मच काला नमक, 20 ग्राम मरोड़ फली एक चम्मच हींग, 100 ग्राम गर्म करके ठंडा किया हुआ सरसों का तेल.
इस चूरन को तैयार करना बड़ा ही आसान है. हर्र,सोंठ, हल्दी और बहेड़ा जैसे मसालों को पहले थोड़े से सरसों के तेल में तलना होगा. जब ये भूरे रंग के हो जाएं तो गैस से उतार लीजिए.
कुछ मसाले जैसे सूखा आंवला, मरोड़ फली, इलाइची और पीपल को बिना तेल के कड़ाही में भूनना होगा. करीब पांच से सात मिनट तक भूनेंगे तो खुशबू आनी शुरू हो जाएगी. इसी कढ़ाई में जीरा, सौंफ, अजवायन भी भून लीजिए और साथ में हींग भी भून लीजिए. हींग भूनने के साथ ही आपको खुशबू आनी शुरू हो जाएगी.
जिन मसालों के अंदर गुठली दिखे वो निकाल दीजिए. अब मिक्सी में सभी मसालों को एक साथ भूने, ये थोड़ा मुश्किल हो सकता है. इसलिए बड़े मसालों को पहले पीस लें और फिर उन पिसे मसालों में छोटे मसालों को पीस लीजिए.
फिर एक छलनी में इसे छानिए, बारीक पाउडर को स्टोर कीजिए और ऊपर बचे मोटे पाउडर को फिर से पीस लीजिए. पिस जाने के बाद इसे एक एयरटाइट कंटेनर में रखिए और जब चाहे यूज कीजिए.
जिन लोगों को एसिडिटी या पेट फूलने की दिक्कत रहती है, वो रोज रात को 1 चम्मच बुकनू की फंकी गर्म पानी से लेकर सो जाएं तो सुबह पेट बिलकुल साफ हो जाता है.
यहां बुकनू के लिए सभी मसाले बताए गए हैं, अगर किसी वजह से कोई मसाला नहीं मिलता है तो उसके बिना भी बुकनू बनाया जा सकता है. हर मसाले के कई विकल्प यहां मिक्स किए गए हैं.