देश को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के लिए एक और बड़े व्यवसाय पर ध्यान दिया जा रहा है. अब खिलौना व्यवसाय को बढ़ावा देकर आत्म निर्भर बनने की दिशा में काम किया जा रहा है...
पीएम ने खिलौना उद्योग को लेकर जो सपना देखा था उसको साकार करने के लिए अब भारतीय खिलौना बाजार बनाया जाएगा.
सरकार 27 फरवरी से 2 मार्च तक 'इंडियन टॉय फेयर वर्चुअल मेला' आयोजित करने जा रही है.
इस मेले में देश के विभिन्न प्रांतों से 13 क्लस्टर चुने गए हैं, जो अपने खिलौनों के स्टॉल लगाएंगे.
उत्तर प्रदेश में भी इस उद्योग को लेकर काफी संभावनाएं हैं, क्योंकि चित्रकूट, झांसी, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर जैसे शहरों में लकड़ी, मिट्टी, टेराकोटा आदि के खिलौने बनते हैं.
अब इन खिलौनों को देश दुनिया के लोग देख सकेंगे.
केंद्र सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश में पहली बार वोकल फॉर लोकल के माध्यम से 'इंडियन टॉय फेयर वर्चुअल मेले' का आयोजन कर रही है.
इस मेले का उद्देश्य भारतीय खिलौना मार्केट तैयार करना है. इस बात से खिलौना बनाने वाले कलाकारों में उत्साह देखने को मिल रहा है.
खिलौना व्यसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि कुल साल पहले यह काष्ट कला विलुप्त होने की कगार थी. लेकिन योगी सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद से इस कुटीर उद्योग को फिर से खड़ा करने में मदद की है.
अब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में पहला खिलौना मेला लगाने जा रहे हैं. यह खिलौना कारोबार के लिए संजीवनी बूटी की तरह है.