शायर मुनव्वर राणा ने अफगानिस्तान मामले में फिर एक विवादित बयान देते हुए कहा कि जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे देश में है. पहले रामराज हुआ करता था, लेकिन अब सिर्फ कामराज है...
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निमिषा श्रीवास्तव/नई दिल्ली: 'कभी खुशी से खुशी की तरफ नहीं देखा, तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा. ये सोच कर कि तेरा इंतजार लाजिम है, तमाम उम्र घड़ी की तरफ नहीं देखा.' अपनी शेर-ओ-शायरी के लिए मशहूर मुनव्वर राणा अब विवादों में घिरे रहने की वजह से फेमस होने लगे हैं. कुछ साल से लगातार मुनव्वर राणा या उनसे जुड़े लोग कुछ न कुछ ऐसा सनसनीखेज कर या बोल देते हैं कि उनके नाम की सुर्खियां बन जाती हैं. हाल ही में मुनव्वर राणा के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज हुआ है. दरअसल, शायर ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबानी आतंकियों से कर दी थी. यही वजह है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत उनपर एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन, जाहिर है कि यह पहली बार नहीं है जब वह विवाद में घिरे हों. यहां जानिए उन्होंने बीते 1 साल में मुनव्वर राणा एंड फैमिली विवादों के करीब कैसे आई.
मुनव्वर राना की बढ़ी मुश्किलें, महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करने पर लखनऊ में FIR दर्ज
1. महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबानियों से
दरअसल, शायर मुनव्वर राणा ने एक तालिबान को लेकर पूछे गए सवाल पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि तालिबान उतने ही आतंकी हैं, जितने रामायण लिखने वाले वाल्मीकि हैं. जब राणा से पूछा गया कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं. तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वाल्मीकि रामायण लिखते हैं, तो वह देवता हो जाते हैं. जबकि उससे पहले वह डाकू थे. मुनव्वर ने आगे कहा कि आदमी का किरदार बदलता रहता है.
2. "यूपी में हैं हिंदू तालिबानी"
शायर मुनव्वर राणा ने अफगानिस्तान मामले में फिर एक विवादित बयान देते हुए कहा कि जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे देश में है. पहले रामराज हुआ करता था, लेकिन अब सिर्फ कामराज है. राणा का कहना था कि जितनी एके-47 तालिबानियों के पास नहीं होंगी, उससे ज्यादा तो भारत में माफियाओं के पास हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि तालिबानी तो हथियार छीनकर या मांगकर लाते हैं, लेकिन हमारे यहां माफिया आराम से खरीद सकते हैं.
वह यहीं नहीं रुके, मुनव्वर राणा ने आगे कहा कि यूपी में भी थोड़े-बहुत तालिबानी हैं. यहां सिर्फ मुसलमान ही नहीं, बल्कि हिंदू तालिबानी भी होते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने मीडिया में यह भी कहा कि उनकी बात को सीरियसली न लिया जाए.
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3. "तालिबानियों को कहा जाए अफगानी"
वहीं, कुछ दिनों से तालिबान-अफगानिस्तान को लेकर मुनव्वर राणा लगातार बयान दे रहे हैं. हाल ही में, उन्होंने तालिबानियों को अफगानी कहने की नसीहत दी थी. राणा का मानना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कंट्रोल लेकर कुछ गलत नहीं किया. उन्होंने मीडिया में कहा कि तालिबान ने वास्तव में अपने देश को आजाद कराया है. उन्होंने कहा, तालिबान आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें 'आक्रामक' कहा जा सकता है. इतना ही नहीं, राणा ने कहा था, 'यूपी से भाग जाने को जी चाहता है.'
4. "हिन्दुस्तान को तालिबान से नहीं है कोई डर"
शायर मुनव्वर राणा कहते हैं कि भारत को तालिबान से कोई डर नहीं है. क्योंकि अफगानिस्तान से हजारों सालों से हमारे रिश्ते अच्छे रहे हैं. उसने हिन्दुस्तान को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया. मुल्ला उमर की हुकूमत के दौरान भी उसने किसी हिन्दुस्तानी को चोट नहीं पहुंचाई. हालांकि, रिसर्च करने पर पता चलता है कि राणा की यह बात झूठ है. दरअसल, 1100 सालों में अफगानिस्तान ने भारत पर करीब 33 बार हमला किया है और यह बात पूर्ण विश्वास के साथ नहीं कही जा सकती कि भारत को तालिबानियों से कोई खतरा नहीं है. देश की सुरक्षा के लिए सरकार तैयार है.
5. मुनव्वर राणा की बेटियों पर भी हुई थी FIR
जनवरी 2020 में लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहीं करीब 150 अज्ञात और 30 नामजद महिलाओं पर केस हुआ था. इन महिलाओं में मुनव्वर राणा की दोनों बेटियां सुमैया और उरुशा भी शामिल थीं. मीडिया से बातचीत में सुमैया ने कहा था कि उन्हें और उनकी बहन को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे मुनव्वर राणा की बेटियां हैं. वहीं, पुलिस ने यह कहा था कि किसी को स्पेशली टारगेट नहीं किया जा रहा है. जो भी कानून तोड़ने का आरोपी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
6. फ्रांस हमले को बताया था सही
अक्टूबर-नवंबर 2020 में फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने वाले एक टीचर को उन्हीं के स्टूडेंट ने गला काटकर मार डाला था. उस समय फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इसे 'इस्लामी आतंकवादी हमला' बताया था. इसको लेकर दुनिया के साथभारत में भी रोष देखा गया था. लेकिन, मुनव्वर राणा ने उस हमले को सही ठहराया था. उन्होंने कहा था, 'अगर मैं उस जगह होता तो वही करता'.
राणा ने तर्क देते हुए कहा था, 'मोहम्मद साहब का कार्टून बना कर उसे कत्ल के लिए मजबूर किया गया. अगर उस स्टूडेंट की जगह मैं भी होता तो वही करता जो उसने किया. उन्होंने कहा कि मजहब मां की तरह होता है. अगर कोई आपकी मां का बुरा कार्टून बनाता है या गाली देता है उसका कत्ल करना गुनाह नहीं.'
7. अपनों को फंसाने के लिए मुनव्वर के बेटे ने रची थी साजिश
जुलाई 2021 में एक बार फिर मुन्नवर राणा एंड फैमिली विवादों में आ गए थे. राणा के लखनऊ स्थित फ्लैट पर देर रात रायबरेली पुलिस ने उनके बेटे तबरेज राणा की तलाश में छापा मारा था. कार्रवाई को लेकर मुनव्वर और उनकी बेटियों ने पुलिस पर अभद्रता के आरोप लगाए थे. तलाशी के करीब 3 दिन पहले रायबरेली में तबरेज पर एक जानलेवा हमला हुआ था. लेकिन जांच में सामने आया था कि खुद को पीड़ित दिखाने वाला तबरेज खुद ही इस हमले का मास्टरमाइंड था. उसने चार चाचा और चचेरे भाइयों को केस में फंसाने के लिए खुद पर फायरिंग कराई थी.
फायरिंग में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन तबरेज फरार था. इसी के चलते मुनव्वर राणा के घर में तलाशी ली गई थी. मामले में राणा ने पुलिस पर ज्यादती के संगीन इल्जाम लगाए थे. लेकिन रायबरेली पुलिस ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. अगस्त में खबर मिली थी कि तबरेज को अभी तक पुलिस पकड़ नहीं सकी है. वह भारत में है भी या नहीं, इसका पता नहीं चला है.
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