गौतमबुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक शहर, जहां छोटे शहरों के लोग अपने सपने पूरे करने आते हैं. वह शहर, जो नई टेक्नोलॉजी की हर सुविधा से सराबोर है. जहां आरामदायक जिंदगी जीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. पढ़े-लिखे और मॉडर्न लोगों की बात करें, तो इस शहर का नाम जरूर आता है. लेकिन उसी शहर में जब आपको एक ऐसी चीज पता चले, जो आधुनिकता से एकदम उलट आपको रूढ़िवादी दुनिया के करीब मिले, तो आप क्या सोचेंगे?


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यह शहर है यूपी का नोएडा और हैरानी की बात है कि यहां पर सेक्टर नंबर 168 तक हैं, लेकिन सेक्टर-13 है ही नहीं. 12 के बाद सीधा सेक्टर 14 आता है. इसका कारण यह तो नहीं है कि अथॉरिटी से गिनती में गलती हो गई हो, बल्कि यह काफी सोच-समझ कर किया गया है. दरअसल, लोग नंबर-13 को अशुभ मानते हैं, जिस वजह से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में यह सेक्टर शामिल ही नहीं किया गया.


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नहीं है 13वीं फ्लोर भी
गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा और ग्रेटर नोएडा बसाया गया है, लेकिन दोनों ही जगहों पर सेक्टर-13 नहीं बनाया गया. ऐसा ही, यहां बनीं कुछ बिल्डिंग्स में भी ऐसा ही देखने को मिलेगा. इमारतों में फ्लोर बनाते समय 13 नंबर को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई. कई सरकारी और प्राइवेट इमारतों में फ्लोर नंबर-12 के बाद डायरेक्ट 14 बनाई गई. 


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शहर बनाते समय ही ले लिया गया था निर्णय
दरअसल, शहर में 13 नंबर को पूरी तरह से इग्नोर करने का कारण है कि यहां रहने वाले लोग भी इसे अशुभ मानते हैं और इस सेक्टर या फ्लोर पर रहने से कतराते हैं. यही कारण है कि शहर बसाते समय इस बात का ध्यान रखा है. अब इसे आप अंधविश्वास कहें या कुछ और, लेकिन अधिकतर आबादी की सोच को देखते हुए अथॉरिटी के अधिकारियों ने यह निर्णय शहर बसाते समय ही ले लिया था. 


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13 नंबर क्यों माना जाता है अशुभ?
नंबर 13 को लोग ज्यादा पसंद नहीं करते. कुछ लोगों का मानना है कि इस अंक से जुड़ी चीजों को अपनाने से काम पूरे नहीं होते, तो कुछ कहते हैं कि यह केवल अंधविश्वास है और कुछ नहीं. क्योंकि इसके पीछे कोई भी साइंटिफिक प्रूफ नहीं है. हालांकि, मनोविज्ञान में 13 अंक के डर को असल माना गया है, जिसे में थर्टीन डिजिट फोबिया या ट्रिस्काइडेकाफोबिया (Triskaidekaphobia) कहते हैं. लोगों में इस नंबर का इतना डर है कि कई होटलों में भी इस अंक के रूप नहीं मिलेंगे. 


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हिंदू धर्म में 13 नंबर को लेकर यह है मान्यता
इतना ही नहीं, हिंदू धर्म में भी इस अच्छा नहीं माना जाता, क्योंकि ज्योतिष विज्ञान के अनुसार 12 नंबर पूर्णता का प्रतीक है. अगर इसमें एक और नंबर जोड़ दिया जाए, तो यह दुर्भाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र में 13 अंक राहु का होता है और राहु बुरा ग्रह माना जाता है. 


ईसा मसीह से जुड़ी है एक कहानी
13 को अशुभ मानने का एक कारण यह भी बताया जाता है कि जब ईसा मसीह (Jesus Christ) के रात्रि भोज के समय एक व्यक्ति ने उनके साथ धोखा किया था. वह व्यक्ति 13 नंबर की कुर्सी पर बैठा था. तभी से लोग इसे अनलकी मानते हैं. विदेशों में भी इस नंबर का इतना खौफ है कि शुक्रवार को पड़ने वाली 13 तारीख (Friday the 13th) को कई लोग अपने घर से बाहर नहीं निकलते और कोई नया काम शुरू नहीं करते. कई तो अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर घर बैठते हैं. 


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