भाजपा और सपा के बीच मुकाबला 53 सीटों का है. वहीं, बसपा की मुखिया मायावती ने क्लियर कर दिया था कि उनकी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार खड़े ही नहीं किए जाएंगे.
Trending Photos
लखनऊ: यूपी में विधान सभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. 2022 के चुनाव को देखते हुए प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष का भी चुनाव प्रक्रिया भी चल रही है. 26 जून को भाजपा, सपा और उन्य पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. वहीं, 29 जून को नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी की गई. आज 11 बजे से 53 सीटों पर अध्यक्ष चुनने के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. इसी के साथ 3 बजे तक सभी जिला पंचायत अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे. विधानसभा चुनाव से पहले सबकी नजरें जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर टिकी हुई हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि जिस पार्टी को इसमें ज्यादा सीटें मिलेंगी, विधानसभा चुनाव में भी उस पार्टी की जीत के चांस बढ़ सकते हैं.
लखनऊ और वाराणसी में एक दिन के लिए टीकाकरण बंद, गुरुवार से मेगा वैक्सीनेशन की शुरुआत
21 पर भाजपा 1 पर सपा उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए
बता दें, नाम वापसी के दौरान कुल 4 उम्मीदवारों ने अपने कदम पीछे ले लिए. ऐसे में कहीं न कहीं भाजपा को बढ़त बनाते हुए देखा जा सकता है. बीजेपी के कुल 21 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं. वहीं, सपा में इटावा की सीट पक्की है. यहां से अखिलेश यादव के भाई अभिषेक यादव निर्विरोध चुने गए हैं.
53 सीटों पर मुकाबला
अब भाजपा और सपा के बीच मुकाबला 53 सीटों का है. वहीं, बसपा की मुखिया मायावती ने क्लियर कर दिया था कि उनकी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवार खड़े ही नहीं किए जाएंगे. इसलिए बीजेपी और सपा, दोनों पार्टियां ही इस कोशिश में हैं कि बसपा के जीते हुए उम्मीदवारों को साध लिया जाए. इसके अलावा, निर्दलीय पार्टियों को भी अपनी तरफ करना दोनों पार्टियों के लिए एक बड़ा लक्ष्य है. क्योंकि पिछली बार बड़ी संख्या में निर्दलीय भी जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे.
ड्राइविंग करते समय न करें फोन पर बात, हो सकता है ऐसा हादसा
सपा ने लगाया भाजपा पर आरोप
वहीं, चुनाव के बीच पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर हैं. इसी बीच अखिलेश यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि भाजपा पुलिस की मदद से चुनाव जीतने का प्लान कर रही है. उनका कहना है कि ऐसे में सपा के कई प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल ही नहीं करने दिया गया है. वहीं, 3 उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करते समय कोई प्रस्तावक नहीं मिला था. अब 3 जुलाई को सामने आ जाएगा कि कौन सी पार्टी निर्दलीय और बसपा उम्मीदवारों को अपने पक्ष में करने में सफल होती है और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करती है.
21 पर बीजेपी ने दर्ज की जीत
यूपी के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को नामांकन पत्र वापसी की आखिरी तारीख तक 22 जिलों में निर्विरोध निर्वाचन हुआ है. जिसमें नामांकन के अंतिम दिन सहारनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बहराइच के भी विपक्षी उम्मीदवारों के पर्चा वापस ले लेने से 21 जिलों में भाजपा और 1 इटावा में सपा के उम्मीदवार निर्विरोध जीत गये हैं.
हाई सेक्योरिटी सिस्टम वाली गाड़ियों को भी उड़ा ले जाता था यह गिरोह, अब 4 गिरफ्तार
इसके अलावा, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया,
मुरादाबाद से डॉ. शेफाली सिंह,
मेरठ से गौरव चौधरी,
गाजियाबाद से ममता त्यागी,
बलरामपुर से आरती तिवारी,
गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी,
मऊ से मनोज राय,
गोरखपुर से साधना सिंह,
चित्रकूट से अशोक जाटव,
झांसी से पवन कुमार गौतम,
बांदा से सुनील पटेल,
गोंडा से घनश्याम मिश्र,
श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा,
आगरा से मंजू भदौरिया और
ललितपुर से कैलाश निरंजन के खिलाफ किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया, जिससे इनका निर्विरोध जीत दर्ज किए हैं.
ATM से धीरे-धीरे पैसे निकाल कर बना रहा था Video, तभी मशीन निगल गई सारे नोट!
इन जिलों में होगी कड़ी टक्कर
कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, महोबा, हमीरपुर, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, अमेठी, बाराबंकी,अम्बेडकरनगर, अयोध्या, बहराईच, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, लखनऊ, हरदोई, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बरेली, पीलीभीत, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, औरैया.
WATCH LIVE TV