वाजपेयी को हराने वाले के नाम पर विश्वविद्यालय बना रही योगी सरकार, राजा एमपी सिंह के बारे में जानें
जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण था योगदान. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वासन में रहते हुए 1915 में भारत की अंतरिम सरकार बनायी थी. वर्ष 1939 में महात्मा गांधी को लिखे एक पत्र में, राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें जिन्ना के बारे में सचेत किया. उन्होंने लिखा था, ``जिन्ना जहरीला सांप है, इसे गले मत लगाइए.``
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर विपक्षी पार्टियां सबसे बड़ा आरोप लगाती हैं कि ये आजाद भारत के राजनीतिक इतिहास से अपने विरोधी विचारधारा वालों को बेदखल करना चाहते हैं. लेकिन 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कुछ ऐसा होने जा रहा है जो इन आरोपों को बेबुनियाद साबित कर देगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में प्रधानमंत्री मोदी ऐसी शख्सियत के नाम पर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने जा रहे हैं, जिसने भाजपा के सबसे बड़े नेताओं में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ 1957 के लोकसभा चुनाव में मथुरा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरकर उन्हें मात दी थी. वह एक जाट आइकॉन थे.
चुनाव में निर्दलीय लड़कर वाजपेयी को हराया था
इस चुनाव में जनसंघ प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी चौथे स्थान पर रहे थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जीत दर्ज किया. हालांकि बलरामपुर सीट से वाजपेयी करीब साढ़े नौ हजार वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. उन्होंने मथुरा के अलावा बलरामपुर सीट से भी नामांकन दाखिल किया था. उन्हीं राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर योगी सरकार अलीगढ़ में यूनिवर्सिटी का निर्माण करवाने जा रही है, जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 14 सितंबर को होना प्रस्तावित है. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में जनता से जाट राजा के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना का वादा किया था.
गांधी को पत्र लिख जिन्ना को बताया जहरीला सांप
जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण था योगदान. उन्होंने अफगानिस्तान में निर्वासन में रहते हुए 1915 में भारत की अंतरिम सरकार बनायी थी. वर्ष 1939 में महात्मा गांधी को लिखे एक पत्र में, राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें जिन्ना के बारे में सचेत किया. उन्होंने लिखा था, ''जिन्ना जहरीला सांप है, इसे गले मत लगाइए.'' राजा एमपी सिंह 1895 में मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के छाल बने, जिसका 1920 में नामकरण अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हो गया. इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए जाट राजा ने 1929 में अपनी जमीन दान की थी, जिसे तिकोनिया पार्क कहा जाता है. एएमयू में जिन्ना की तस्वीर और नाम हर जगह मिलेगा, लेकिन राजा महेंद्र प्रताप सिंह का नामोनिशान नहीं.
एएमयू के लिए जमीन दी, लेकिन नाम गायब रहा
इसे भाजपा लगातार मुद्दा बनाती रही है. मांग उठती रही है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नामकरण राजा महेंद्र सिंह के नाम पर हो और उन्हें भारत रत्न दिया जाए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 सितंबर, 2019 को जाट राजा के नाम पर एक राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की थी. अब वह अपना वादा पूरा करने जा रहे हैं. जाट समुदाय के दिल में राजा महेंद्र प्रताप सिंह बसते हैं. इसीलिए तो राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने योगी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत पुरानी मांग थी कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना हो, जिसका पूरा करना स्वागत योग्य है.
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भारत सरकार ने 1979 में जारी किया डाक टिकट
राजा महेंद्र प्रताप सिंह को दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी के आंदोलन में भागीदार बनने, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और ब्रिटिश क्रूरताओं को उजागर करने के लिए 1932 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1940 में जापान में भारत के कार्यकारी बोर्ड की स्थापना की थी. भारत सरकार ने उनके सम्मान में 1979 में डाक टिकट जारी किया था. राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 दिसंबर, 1886 को हाथरस के मुरसान स्टेट के जाट राजा धनश्याम सिंह के यहां हुआ था. वह उनके तीसरे पुत्र थे. तीन साल की उम्र में महेंद्र प्रताप सिंह को हाथरस के राजा हरनारायण सिंह ने गोद ले लिया था. 29 अप्रैल 1979 को 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ.
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