बारिश के साथ-साथ क्यों गिरती है आसमानी बिजली? जानें कैसे रहें सेफ?
बरसात में मौसम में अक्सर बादलों में बिजली चमकती है और जमीन पर गिरती भी है लेकिन यह हमेशा नुकसानदेह नहीं होती.आकाशीय बिजली मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है. बारिश के मौसम में दोपहर के दौरान बिजली गिरने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है.
उत्तर भारत के तीन बड़े राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में रविवार को आकाशीय बिजली कहर बनकर लोगों पर गिरी. इसके चपेट में आने से अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. लोगों के दिमाग हमेशा ऐसे सवाल घूमते हैं कि आखिर बारिश के साथ-साथ आसमान से बिजली क्यों गिरती है? आइए जानते हैं क्यों गिरती है बिजली और इससे किस तरह से बचा जा सकता है.
आकाशीय बिजली मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है
बरसात में मौसम में अक्सर बादलों में बिजली चमकती है और जमीन पर गिरती भी है लेकिन यह हमेशा नुकसानदेह नहीं होती. आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी अधिक होता है. यह बिजली मिली सेकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है. आकाशीय बिजली मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है. बारिश के मौसम में दोपहर के दौरान बिजली गिरने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है.
नासा के आधिकारिक आकंड़ों के मुताबिक पूर्वी भारत की ब्रह्मपुत्र घाटी में औसतन अप्रैल से मई के बीच हर महीने में दुनिया में सबसे ज़्यादा बिजली चमकती है. लेकिन वेनेज़ुएला की झील मैराकाइबो का नाम सबसे ज़्यादा बिजली चमकने वाले स्थान के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है. यहां प्रत्येक साल प्रत्येक किलोमीटर 250 बार बिजली चमकती है.
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आसमानी बिजली से मौत कैसे होती है?
आसमानी बिजली कई तरीकों से हमला कर सकती है. डायरेक्ट स्ट्राइक उतनी ज्यादा नहीं होती मगर यह सबसे जानलेवा मानी जाती है. अगर किसी इंसान पर सीधे बिजली गिरे तो वह डिस्चार्ज चैनल का हिस्सा बन जाता है. ज्यादादर डायरेक्ट Strike खुले इलाकों में होती हैं. पेड़ के नीचे शरण लेने वालों के ऊपर बिजली गिरने का ज्यादा खतरा रहता है. इस घटना को 'साइड फ्लैश' कहते हैं. ऐसा तब होता है जब बिजली पीड़ित के नजदीक की किसी लंबी चीज पर गिरती है और करंट का एक हिस्सा लंबी चीज से होते हुए पीड़ित तक पहुंचता है. भारत में एक-चौथाई मौतें पेड़ के नीचे या पास खड़े लोगों की हुईं.
आसमान से बिजली गिरना एक बेहद गंभीर घटना है, जो कि जानलेवा है. लेकिन अगर पीड़ित को सही समय पर सही इलाज मिल जाए, तो ना जाने कितनी जानें बचाई जा सकती हैं.
बिजली से बचाव के लिए रखें ये सावधानियां
ऊंची जगहें, पहाड़, चोटी, ब्रिज आदि से उतर जाएं या घर में शरण लें. बड़े पत्थर के नीचे खड़े ना हों.
यदि आप घर में हैं तो आंधी या बारिश के समय अपने टीवी, रेडियो, फ्रिज या अन्य दूसरी बिजली की चीजों के प्लग निकाल दें.
कार आदि वाहन में है तो उसी में ही रहें लेकिन बाइक से दूर हो जाएं क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं.
बारिश के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से भी बचें
तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं ग्रुप में न खड़े हों बल्कि दूर-दूर खड़े हों ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार न हो.
नंगे पांव फर्श पर खड़ें न हों. इलेक्ट्रिक एपलाइंस से दूरी बनाकर रखें.
पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जानें से बचें और खुद को किसी इमारत के नीचे छिपकर बचाने की कोशिश करें.
किसी भी तरह की मजबूत चारदीवारी इंसान की जान बचा सकती है.
किसी इंसान पर बिजली गिरने के बाद क्या करें?
अगर किसी इंसान पर बिजली गिर जाए, तो इन कदमों को उठाना चाहिए.
बिजली गिरने के बाद हार्ट अटैक आने से व्यक्ति की मौत होती है. इसलिए सबसे पहले देखें कि पीड़ित की धड़कन और सांसें चल रही हैं या नहीं.
अगर व्यक्ति की सांस नहीं चल रही है, तो अपने मुंह से उसके मुंह में सांस (सीपीआर) दें. वहीं, धड़कन रुक जाने पर सीपीआर के साथ छाती जोर-जोर से दबाएं.
एक ही जगह पर दो बार बिजली गिर सकती है, इसलिए अगर आप ऐसी जगह हैं, जहां वज्रपात होने का ज्यादा खतरा है, तो वहां से मरीज को तुरंत हटा लें.
बिजली गिरने पर व्यक्ति की हड्डियां टूट सकती हैं या फिर उसे दिखना या सुनना बंद हो सकता है. इसलिए इन चीजों की जांच कर लें.
मरीज को तुरंत डॉक्टरी सुविधा का प्रबंध करें.
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