Yashasvi Jaiswal: भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच विशाखापट्टनम में खेला जा रहा है. टीम इंडिया की तरफ से यशस्वी जायसवाल ने फिर से एक बार शतक लगाकर अपने आपको साबित कर दिया. उन्होंने ये सेंचुरी 151 गेंदों में पूरी की. इससे पहले जायसवाल हैदराबाद मैच में शतक लगाने से चूक गए थे. वह 80 रन बनाकर आउट हो गए थे, लेकिन उन्होंने विशाखापट्टनम में कोई गलती नहीं की. इस सेंचुरी के साथ जायसवाल ने दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर की फेहरिस्त में जगह बना ली है.


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कभी मुंबई की गलियों में बेचते थे गोलगप्‍पे 
इंग्‍लैंड के खिलाफ टेस्‍ट मैच में 179 रन बनाकर यशस्वी जयसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने अपने जिले का नाम किया. यशस्वी की इस उपलब्धि से उनके माता-पिता बेहद खुश हैं. भदोही के छोटे से कस्बे के रहने वाले क्रिकेटर यशस्वी का एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें अपना खर्च निकालने के लिए मुंबई में गोलगप्पे तक बेचने पड़े थे. आज यशस्वी जायसवाल क्रिकेट के मैदान में धमाल मचाते नजर आ रहे हैं. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है.


सुरियावां नगर के रहने वाले हैं यशस्वी 
यशस्वी भदोही जिले के सुरियावां नगर के रहने वाले है. उनके पिता एक पेंट हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. बचपन से ही यशस्वी को क्रिकेट का शौक था उनकी जिद थी की वह बड़े लेवल पर क्रिकेट खेलें, लेकिन घर की माली हालत ठीक न होना उनके सपनों के आड़े आ रहा था. फिर भी उसके परिजनों ने किसी तरह यशस्वी को मुंबई को भेजा. 


मां-बाप ने कही यह बात
यशस्वी की मां कंचन जायसवाल ने कहा कि मैच देखने के दौरान हम लोग तो खुशी से रोने लगते हैं, जो हम चाहते थे हमारे बेटे ने वह करके दिखाया. उन्होंने कहा कि मैं यही चाहती हूं कि वह ऐसे ही मेहनत करता रहे और एक दिन वह और बड़े मुकाम पर पहुंचे. वहीं, यशस्वी के पिता भूपेंद्र जयसवाल ने कहा कि हमारा यही सपना है कि बेटे का इंडिया टीम में सिलेक्शन हो. उन्होंने कहा कि उनको पूरा भरोसा है कि एक दिन बेटे की मेहनत जरूर रंग लाएगी.