उत्तर प्रदेश में सामने आईं दो और फर्जी शिक्षिकाएं, दूसरे के नाम पर कर रही थीं नौकरी
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उत्तर प्रदेश में सामने आईं दो और फर्जी शिक्षिकाएं, दूसरे के नाम पर कर रही थीं नौकरी

एसटीएफ की पूछताछ के बाद यह मामला सामने आया. जौनपुर जिले के डिहिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में तैनात शिक्षिका ने 19 नवंबर 2015 में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज पर अपना चयन कराया था.

सांकेतिक तस्वीर.

मऊ/जौनपुर: उत्तर प्रदेश में शिक्षक फर्जीवाड़ा के नए-नए मामले सामने निकलकर आ रहे हैं. राज्य के मऊ और जौनपुर जिले में शुक्रवार को दो फर्जी शिक्षकों की पहचान हुई. ये दोनों महिला शिक्षक हैं. बलिया जिले की रहने वाली रम्भा पांडेय किसी ममता राय के नाम पर नौकरी कर रही थी.

वह मऊ जनपद के रतनपुरा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2011 से तैनात थी. आरोपी रम्भा पाण्डेय बलिया जिले की ताखा गांव की रहने वाली है.  शिक्षिका महाराजगंज जिले से ट्रांसफर ऑर्डर लेकर आई थी. मऊ के जिलाधिकारी ने बताया कि फर्जी शिक्षिका की सेवा समाप्त करने के साथ ही दस पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

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वहीं, जौनपुर जिले में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षिका पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. फर्जी शिक्षिका का नाम दीप्ति है. वह भैंसरौली, भोगांव जनपद मैनपुरी की निवासी है. आरोपित का व्यक्तिगत व सरकारी खाता सीज कर बर्खास्त करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने जॉइंट डायरेक्टर को पत्र लिखा है. इस फर्जी शिक्षिका की नियुक्ति भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने वाले गैंग ने ही कराई थी.

एसटीएफ की पूछताछ के बाद यह मामला सामने आया. जौनपुर जिले के डिहिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में तैनात शिक्षिका ने 19 नवंबर 2015 में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज पर अपना चयन कराया था. उसने आवेदन में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मित्रपुर ढहिया जनपद कौशांबी की शिक्षिका दीप्ती, निवासी बगिया सोहन लाल कायमगंज फर्रूखाबाद के शैक्षिक दस्तावेज लगाए थे.

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फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जांच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. लंबे समय से नौकरी कर रही दीप्ति ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र लगाया. जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी शिक्षिका वर्तमान में प्रभारी प्रधानाध्यापक का भी कार्यभार देख रही थी. जांच में प्रमाणपत्र फर्जी मिलने के बाद आरोपित दीप्ति पर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. आरोपित को बर्खास्त करने के लिए जॉइंट डायरेक्टर को पत्र लिखा गया है.

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