बंगाल में बोले यूपी के डिप्टी CM मौर्य- जल्द साकार होगा 'सोनार बांग्ला' का सपना; जानें क्या है इतिहास
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand827412

बंगाल में बोले यूपी के डिप्टी CM मौर्य- जल्द साकार होगा 'सोनार बांग्ला' का सपना; जानें क्या है इतिहास

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पश्चिम बंगाल के दौरे पर है.इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता ने बंगाल में बदलाव का मन बना लिया है.यहां जल्द 'सोनार बांग्ला' का सपना साकार होगा. 'अखिलेश हैं दिग्भ्रमित, तय करें राम के मार्ग पर चलना है या रावण के' -साक्षी महाराज क्या बोले डिप्

डिप्टी सीएम केशव मौर्य

हुगली : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पश्चिम बंगाल के दौरे पर है.इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता ने बंगाल में बदलाव का मन बना लिया है.यहां जल्द 'सोनार बांग्ला' का सपना साकार होगा.

'अखिलेश हैं दिग्भ्रमित, तय करें राम के मार्ग पर चलना है या रावण के' -साक्षी महाराज

क्या बोले डिप्टी सीएम मौर्य
डिप्टी सीएम मौर्य ने बुधवार को हुगली जिले के नाबोपारा सुल्तान गाछी गांव पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ता के यहां भोजन किया. इसके बाद मौर्य ने 'कृषक सुरक्षा अभियान के तहत' किसानों से पांच मुट्ठी चावल दान मांगा और यह आश्वासन दिया कि हमारी सरकार आते ही आपको किसान सम्मान निधि से सम्मानित किया जाएगा.

'अबकी बार 200 पार'
बांसबेरिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि 'बंगाल बदलाव की तरफ चल पड़ा है. भाजपा की तरफ बंगाल की जनता का एकतरफा रुझान बना है. आप सभी का स्नेह और अपार जनसमर्थन से यही प्रतीत हो रहा है अबकी बार 200 पार'. साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता द्वारा भाजपा को मिल रहा अपार स्नेह व आशीर्वाद इस बात का सूचक है कि अबकी बार प्रदेश में 'सोनार बांग्ला' का सपना साकार होने जा रहा है.

ओवैसी और राजभर की जुगलबंदी! क्या बजाएगी सपा-बीजेपी के लिए खतरे की घंटी?

क्या है ‘सोनार बंग्ला’का इतिहास
सोनार बांग्ला का इतिहास सन 1905 के बंग-भंग आंदोलन से जुड़ा है.19 जुलाई 1905 को भारत के तत्कालीन वाइसराय लॉर्ड कर्जन ने 'फूट डालो शासन करो' की नीति के तहत एक मुस्लिम बहुल प्रान्त  बनाने के उद्देश्य से ही बंगाल को दो भागों में बांटने का निर्णय लिया. बंगाल-विभाजन या बंग-भंग, 16 अक्टूबर 1905 से प्रभावी हुआ. इसके विरोध में 1908 ई. में सम्पूर्ण देश में `बंग-भंग’ आन्दोलन शुरु हो गया.  राजनीतिक अशांति के कारण 1911 में अंग्रेजों को यह निर्णय वापस लेना पड़ा और पूर्वी व पश्चिम बंगाल फिर से एक हो गए.

वहीं इस आंदोलन के दौरान गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का गीत ‘आमार सोनार बांग्ला ’ काफी प्रसिद्ध हुआ था तथा आंदोलन का मूल शक्ति के रूप में उभरा था. गीत के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की थी कि सभी लोग बंगाल को एक समान रूप से प्यार करते हैं.

ये भी देखें:

Video: लड़कियों की कैट फाइट, कॉलेज के सामने ही नोचे एक दूसरे के बाल, चलाए लात घूसे

लोहड़ी पर CRPF जवानों का जबरदस्त डांस, देखिए Viral Video

WATCH LIVE TV

Trending news