Business Leadership Summit: कोरोना में भी इंवेस्टर्स ने हमें चुना, UP की बात ही अलग- ACS सहगल
उन्होंने सीएम योगी के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके पास विजन है और उन्होंने इतना मेहनत करने वाला सीएम नहीं देखा.
लखनऊ: 'उत्तर प्रदेश की बात ही अलग है' यूपी के लिए ये नई टैगलाइन दी एसीएस सूचना और एमएसएमई नवनीत सहगल ने. Zee UPUK के खास Real Estate Conclave और Business Leadership Summit के दौरान जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के संपादक दिलीप तिवारी और इनपुट एडिटर मनोज राजन त्रिपाठी से बात करते हुए ACS नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में सरकार विकास से ढेर सारे काम कर रही है, जिससे रोजगार भी बढ़ रहे हैं और लोगों की लाइफस्टाइल भी अच्छी हो रही है. उन्होंने सीएम योगी के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके पास विजन है और उन्होंने इतना मेहनत करने वाला सीएम नहीं देखा.
कोरोना काल में यूपी में बढ़ा निवेश
ACS (सूचना और MSME) नवनीत सहगल ने बताया कि कोरोना के वक्त जब स्लोडाउन था. उस वक्त भी प्रदेश में जब चीन से कंपनियां शिफ्ट हो रही थीं. यूपी में कोरोना काल में 52 हजार करोड़ का प्रस्ताव आया. सैमसंग ने चीन से यूपी में डिस्प्ले यूनिट का प्लांट लगाया. मशहूर जूते की कंपनी ने आगरा में प्लांट लगाया. ये सब कोरोना काल में उद्योगों को लेकर सरकार की पहल के चलते हुए. सरकार ने उद्योगों से जुड़े कानूनों और लेबर लॉ में रिफॉर्म किया.
लॉकडाउन के बाद MSME सेक्टर में सुधार
उनका कहना है 14 मई के बाद जब लॉकडाउन खुलने से लेकर अब तक प्रदेश में 6 लाख 66 हजार नए छोटे उद्योगों को बैंक ने लोन दिया. केंद्र के आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 4 लाख 35 हजार यूनिट्स को लोन दिया गया. कोरोना काल में भी हमने काम करना बंद नहीं किया. सीएम योगी के विजन के मुताबिक कोरोना के दौरान उद्योगों की सारी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई. निर्यात को भी बढ़ावा दिया गया, जिसकी वजह से 80 करोड़ का निर्यात बढ़कर 1 लाख 20 हजार करोड़ पहुंच गया. इंवेस्टर्स समिट में हुए MoU में से आधे जमीन पर आ चुके हैं. इसके लिए सरकार ने हर इंवेस्टर के साथ एक नोडल ऑफिसर लगाए हैं, ताकि समस्याएं सुलझती रहें.
यूपी में क्यों आएं लोग?
ACS (सूचना और MSME) नवनीत सहगल से जब पूछा गया कि यूपी में ऐसा क्या है कि लोग यहां आएं तो उन्होंने कुछ प्वाइंट्स भी गिनाए-
- ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस में यूपी नंबर 2 पर हैं
- ईज़ ऑफ लिविंग बेहतर कर रहे हैं. कनेक्टिविटी, शिक्षा, मेडिकल बेहतर किया जा रहा है.
- क्राइम कम किया जा रहा है. माफियाओं की जमीन सीज की जा रही है और उन पर आम लोगों के लिए घर बनाए जा रहे हैं.
- बेटर इंफ्रास्टक्चर है. लगातार एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों का निर्माण हो रहा है.
- सरकारी व्यवस्था आपके साथ खड़ी है. अगर विदेशों से इंवेस्टर्स यहां आ रहे हैं तो प्रदेश की व्यवस्था देखकर ही आते हैं.
यूपी की फिल्म सिटी होगी खास
सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी के बारे में बताते हुए एसीएस नवनीत सहगल ने बताया कि हमारी कोशिश है कि मेकर्स को सारी सुविधाएं फिल्म सिटी में ही मिल जाएं और उन्हें ज्यादा दौड़भाग नहीं करनी पड़े. कोशिश होगी कि यहां राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय फिल्में भी शूट की जा सकें. अहम बात उन्होंने ये कही कि फिल्म सिटी में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा कि मेकर्स फिल्म शूट करने के लिए यहां आएं और चले जाएं ताकि रियल एस्टेट का इश्यू न हो. उन्होंने फिल्म मेकर्स के लिए सिंगल विंडो मैनेजमेंट की भी बात कही, ताकि ऑनलाइन ही परमिशन का काम पूरा हो जाए. उन्होंने बताया कि कोरोना से पहले यूपी में 150 फिल्में शूट होती थीं. सरकार की फिल्म नीति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर मेकर्स सभी सरकारी मानक पूरे कर रहे हैं तो सरकार उन्हें ढाई से तीन करोड़ तक का अनुदान भी दे रही है.
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कोरोना काल में लौटे लोगों को मिला रोजगार
कोरोना काल में श्रमिकों की वापसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि लगभग 45 लाख लोग वापस आए थे. इनमें से 27 लाख लोगों को उद्योगों में रोजगार दिया जबकि मनरेगा में बहुत से लोगों को रोजगार मिला. लोन मेला के दौरान बहुत से लोगों को लोन मिला और उन्होंने यहीं अपने लिए रोजगार शुरू कर लिया.
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