UP पंचायत चुनाव: अंतिम आरक्षण सूची को लेकर मुख्य सचिव ने सभी DM को दिए ये अहम निर्देश
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UP पंचायत चुनाव: अंतिम आरक्षण सूची को लेकर मुख्य सचिव ने सभी DM को दिए ये अहम निर्देश

अजय कुमार बनाम राज्य सरकार की याचिका पर बीते शुक्रवार हाई कोर्ट ने 1994 की नियमावाली के नियम 4 के आधार पर सभी आरक्षण लिस्ट के प्रकाशन को रोकने का आदेश दिया है.

UP पंचायत चुनाव: अंतिम आरक्षण सूची को लेकर मुख्य सचिव ने सभी DM को दिए ये अहम निर्देश

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) में कई सीटों पर आरक्षण लिस्ट जारी की गई थी, जिसे अंतिम रूप देने पर अभी हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. 13 मार्च को प्रकाशित होने वाली अंतिम लिस्ट अगले आदेश तक जारी नहीं की जाएगी. इसे लेकर राज्य के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी जिलों के DM को जरूरी निर्देश भी दे दिए हैं. 

15 मार्च को होगी सुनवाई
अपर मुख्य सचिव ने डीएम को दिए निर्देशों में कहा है कि जब माननीय हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए पंचायत चुनाव की रिजर्वेशन लिस्ट जारी न की जाए. दरअसल, अजय कुमार बनाम राज्य सरकार की याचिका पर बीते शुक्रवार हाई कोर्ट ने 1994 की नियमावाली के नियम 4 के आधार पर सभी आरक्षण लिस्ट के प्रकाशन को रोकने का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि इस केस में अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी. 

क्या है अजय कुमार की याचिका में
बता दें, अजय कुमार की पीआईएल में 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी गई है. याचिका में अजय ने कहा है कि पंचायत चुनाव में रिजर्वेशन संबंधी नियमावली के नियम 4 के तहत ही पंचायत चुनाव में जिला, क्षेत्र और ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है. रिजर्वेशन लागू करने के संबंध साल 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 और 2010 के चुनाव पूरे कराए गए. 

अजय कुमार ने याचिका में बताया कि 16 सितंबर 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए साल 1995 की जगह साल 2015 को मूल वर्ष माना गया और उसके अनुसार ही आरक्षण लागू किये जाने के आदेश दिए गए. इसके बाद, शासनादेश में ही कहा गया कि साल 2001 और 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में बड़ी मात्रा में डेमोग्राफिक बदलाव आए हैं. इस वजह से साल 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता. लेकिन 16 सितम्बर 2015 के आदेश को नजरंदाज करते हुए, 11 फरवरी 2021 का शासनादेश लागू कर दिया गया, जिसमें साल 1995 को ही मूल वर्ष माना गया है. यह सही नहीं है. 

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