उन्नाव पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सीडीआर की जांच में पता चला है कि जिन लड़कों पर इस मामले में मुकदमा लिखाया गया है, वे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे.
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लखनऊ: उन्नाव जिले में एक मदरसे के छात्रों से जबरदस्ती 'जय श्री राम' के नारे लगवाए जाने के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले की जांच के बाद एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज तफ्तीश करने के बाद पता चला है कि जिन आरोपियों के नाम एफआईआर दर्ज कराई गई है, वे उस जगह पर उपस्थित ही नहीं थे. उन्नाव पुलिस ने बताया है कि मदरसे के छात्रों का वहां बैठे 4 अन्य लोगों से झगड़ा हुआ था.
Unnao Police on Madrasa students thrashed allegedly after forced to chant Jai Sri Ram on July 11: According to CCTV footage & probe, those named in FIR weren't there at the spot. Madrasa students had an argument with one of the 4 people in the other group which led to a clash. pic.twitter.com/oPeqz17Tn8
— ANI UP (@ANINewsUP) July 13, 2019
उन्नाव पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सीडीआर की जांच में पता चला है कि जिन लड़कों पर इस मामले में मुकदमा लिखाया गया है, वे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे. पुलिस जांच में पता है कि क्रिकेट ग्राउंड में मदरसे के छात्रों की 4 अन्य लोगों से कहासुनी हो गई थी, जिस पर दोनों पक्षों के लड़कों में मारपीट हुई. नारे लगवाने की बात जांच में सामने नहीं आई है. मामले की जांच कर रही टीमों ने इनमें से एक युवक को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है. वहीं अन्य आरोपी अभी फरार हैं.
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में कहा है कि सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए यह खबर गलत तरीके से फैलाई गई है. प्रमुख सचिव, सूचना, अवनीश अवस्थी ने इस बात को स्वीकार किया है कि झड़प उस वक्त हुई जब बच्चे किक्रेट खेल रहे थे, लेकिन छात्रों से धार्मिक नारे लगवाए जाने की बात से उन्होंने इनकार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने और सांप्रदायिक सौहाद्र्र को बिगाड़ने के लिए यह खबर गलत तरीके से फैलाई गई है.
चार बच्चों की पिटाई का आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार की दोपहर को नमाज पढ़ने के बाद जब ये बच्चे क्रिकेट खेलने के लिए गए तो चार लोगों ने उन्हें पीटा और उन पर 'जय श्री राम' बोलने का दबाव डाला. बच्चों के कपड़े फाड़े गए और उनकी साइकिलों को तोड़ दिया गया. इसके बाद ये बच्चे मदरसे को लौट आए और पूरी बात बताई जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया. जामा मस्जिद के इमाम के मुताबिक, इस घटना में बजरंग दल के लोगों का एक समूह शामिल था.