आजमगढ़ में सबसे बड़े नेता को उतारेगी सपा, लोकसभा चुनाव में अपने किले को वापस पाने के लिए अखिलेश का दांव
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आजमगढ़ में सबसे बड़े नेता को उतारेगी सपा, लोकसभा चुनाव में अपने किले को वापस पाने के लिए अखिलेश का दांव

Azamgarh Loksabha Chunav 2024: गढ़ बचाने के लिए चाचा शिवपाल को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने की चर्चा तेज़ हो गई है. खबरों की मानें तो शिवपाल यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं. 

Akhilesh Yadav (File Photo)

Azamgarh Loksabha Chunav 2024: देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से लेकर सभी विपक्ष दल एड़ी से चोटी तक का जोर लगाए हुए हैं. उत्तर प्रदेश में भी चुनावी बयार देखने को मिल रही है. यहां बीजेपी, सपा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के बीच सियासी गुणा गणित शुरू हो चुकी है. इसी बीच खबर सामने आई है कि समाजवादी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं. अपने गढ़ को बचाने के लिए सपा की तरफ से शिवपाल को मैदान में उतारना लगभग तय है. शिवपाल यादव इस समय इटावा के जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 

पूर्वांचल साधने के लिए चाचा को चुनाव लड़ाएंगे अखिलेश 
गढ़ बचाने के लिए चाचा शिवपाल को लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारने की चर्चा तेज़ हो गई है. खबरों की मानें तो शिवपाल यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में हैं. 2022 के उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव की हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश आजमगढ़ में कोई रिस्क नही लेना चाहते हैं. वह पूर्वांचल साधने के लिए चाचा को चुनाव लड़वाने की तैयारी में हैं. शिवपाल अगर यहां से चुनाव जीतते हैं तो उनकी विधानसभा सीट जसवंत नगर से आदित्य यादव पर दांव लगाया जा सकता है. आदित्य यादव को भी सेफ सीट से राजनीति में फिट कराने के लिए योजना बनाई गई है. इस बार आजमगढ़ का चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है. एक तरफ जहां सपा अपनी सीट पर दोबारा कब्जा करना चाहेगी. वहीं दूसरी ओर भाजपा अपनी जीत को बरकरार रखने का पूरा प्रयास करेगी. 

उपचुनाव में मिली थी करारी हार 
मालूम हो, साल 2017 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद साल 2022 में विधानसभा चुनाव में करहल सीट से जीते और फिर विधायक बनने के लिए आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ यूपी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल ली. जिसके बाद से यह सीट खाली हो गई थी. अखिलेश ने इस सीट से चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को उतारा था, लेकिन उनका दांव फेल हो गया. सपा को अपने ही गढ़ में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ ने बंपर जीत हासिल की थी. 

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