UP Politics : गुरुवार को बीजेपी सांसद अरुण कुमार सागर ने शून्यकाल के दौरान कांशीराम को दलितों के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाला नेता बताते हुए भारत रत्न देने की मांग कर दी.
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UP Politics : उत्तर प्रदेश की राजनीति में दलितों को लेकर जिस तरह की खेमेबंदी तीनों प्रमुख दलों बीजेपी, बसपा और सपा के बीच चल रही है, उसमें एक नया घटनाक्रम जुड़ गया है. दरअसल, यूपी में दलितों को राजनीतिक मुख्यधारा में लाने वाले कांशीराम को भारत रत्न देने की भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर ने मांग की है. मायावती ने इसका खुला समर्थन किया है. सवाल है कि क्या जिस तरह चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद बीजेपी और आरएलडी एक मंच पर आए थे, क्या ऐसा ही कुछ कांशीराम के मामले में हो सकता है, जिससे भाजपा और बसपा एक साथ आ जाएं.
दरअसल, गुरुवार को बीजेपी सांसद अरुण कुमार सागर ने शून्यकाल में कांशीराम को दलितों के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाला नेता बताते हुए कहा था कि उन्होंने दलित राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया तथा दबे-कुचले वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. सरकार से अनुरोध है कि कांशीराम के समाज और देश के प्रति योगदान को देख्रते हुए उन्हें (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.
बसपा ने सरकार पर बोला हमला
इसके बाद शुक्रवार को बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद द्वारा बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने की बजाय केन्द्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाये, जिसका बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें. इससे पहले भी मायावती कई बार कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग कर चुकी हैं.
यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद द्वारा बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी को भारतरत्न की उपाधि देने की माँग करने की वजाय केन्द्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरन्त दिलवाये जिसका बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें।
— Mayawati (@Mayawati) July 26, 2024
कौन हैं अरुण कुमार सागर?
गौरतलब है कि अरुण कुमार सागर यूपी के शाहजहांपुर से बीजेपी से सांसद निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने सपा प्रत्याशी ज्योत्सना गोंड को करीब 60 हजार वोटों से हराया है. बीजेपी में आने से पहले वह बसपा में थे. साल 2015 में बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वह 2000 में रुहलेखंड में जाटव समाज के लोकप्रिय दलित नेता थे. वह बसपा के चार बार शाहजहांपुर जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बसपा शासन काल में वह दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. अरुण सागर पहली बार 2012 में बसपा के टिकट से पुवायां विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं.
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