सपा विधायक ने स्वामी प्रसाद को मानसिक विक्षिप्त बताया, शिवपाल ने भी दी प्रपंच न करने की नसीहत
Swami Prasad Controversial Statement: स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को लेकर समाजवादी पार्टी में ही विरोध देखने को मिल रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा पर विवादित बयान दिया तो सपा के अंदर ही इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है.
UP Politics: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सपा नेता भी असहज महसूस करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि यह स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर असहमति जताते हुए कहा है कि धर्म पर परपंच नहीं होना चाहिए. धर्म पर अमल होना चाहिए. इस तरह धर्म पर बयान नहीं होना चाहिए. सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने उन्हें विक्षिप्त करार दिया है.
स्वामी प्रसाद का मानसिक संतुलन ठीक नहीं-मनोज पांडेय
सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा है कि स्वामी प्रसाद का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. वह विक्षिप्त हो चुके हैं. यही वजह है कि वह ऐसा बयान दे रहे हैं. पार्टी ने उन्हें कई बार ऐसा बोलने के लिए मना किया है पर वे मान नहीं रहे. सपा के कद्दावर ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने वाले मनोज पांडेय रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक हैं.
अखिलेश भी दे चुके हैं चेतावनी
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म के विरोध में विवादित बयान दे रहे हैं. यूपी के कई जिलों में उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी मीटिंग के दौरान कई सपा विधायकों ने स्वामी प्रसाद के बयानों पर आपत्ति जताई. इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को इस तरह के सार्वजनिक बयान नहीं देने के लिए कहा था. इसके बाद भी स्वामी प्रसाद लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी स्वामी प्रसाद पर सवाल उठाए थे.
स्वामी प्रसाद मौर्य की व्यक्तिगत राय हो सकती-आराधना मिश्रा मोना
कांग्रेस नेता विधान मंडल आराधना मिश्रा मोना ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर कहा कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था को आहत करने का अधिकार किसी को नहीं है. ये स्वामी प्रसाद मौर्य की व्यक्तिगत राय हो सकती है. किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था को आहत करना अनुचित है. विधानसभा अध्यक्ष ने हमें राम मंदिर के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है हम इस पर बात कर रहे हैं. हम सभी लोग भगवान राम के दर्शन करेंगे.
क्या कहा था मौर्य ने
यूपी विधान परिषद में चर्चा के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को एक बार फिर जहर उगला, जहां उन्होंने रामलला को लेकर सवाल किए तो वहीं एक बार फिर हिंदुओं को बांटने की कोशिश की. यूपी विधान परिषद में उन्होंने कहा कि क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा थी बीजेपी सरकार ऐसा प्रचार कर रही है, जैसे राम पहले थे ही नहीं, जबकि सच्चाई है कि राम की हजारों साल से पूजा होती रही है. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भाजपा का था. इस कार्यक्रम की वजह से लाखों लोगों को वहां पर जाने से रोक दिया गया. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब राम पहले से मौजूदे हैं तो अरबों रुपये खर्च करने की क्या जरुरत थी, जबकि सरकार शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं दे पा रही है.
पहले भी दिए हैं विवादित बयान
ये पहला मौका नहीं था जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदुओं और सनातन को लेकर कुछ बोलै हो. वे लगातार सवर्ण हिन्दुओं और सनातन पर हमलावर हैं. वे अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं.