UP BJP District President List: यूपी बीजेपी बड़े सांगठनिक बदलाव का जल्द ऐलान करने वाली है. घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी इसकी घोषणा कर सकते हैं.
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UP BJP Jila Adyaksh List 2023 : उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन ने आखिरकार बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों की सूची पर मुहर लगा दी. पिछले कुछ महीनों से जिलाध्यक्षों की इस सूची का बेसब्री से इंतजार हो रहा था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने शुक्रवार को ये लिस्ट जारी की.चार-पांच नामों पर असमंजस के कारण पिछले हफ्ते भी ये सूची लटक गई थी. इसमें 19 जिलों के जिलाध्यक्ष बदले गए हैं.
बीजेपी संगठन से जुड़ी बड़ी ख़बर
बीजेपी के जिलाध्यक्षों की सूची जारी
यूपी बीजेपी को मिले नये जिलाध्यक्ष
केपी सिंह कासगंज के जिलाध्यक्ष बने
निर्भय पांडे मथुरा के जिलाध्यक्ष बने #BJP @bjp4up pic.twitter.com/lIysOEiUC8— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) September 15, 2023
घोसी विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की हार के बाद ऐसे बड़े सांगठनिक बदलाव की संभावना पहले ही जताई जा रही थी. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी न मिलने के कारण लंबे समय से ये लिस्ट अटकी थी.मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे हैं. घोसी उपचुनाव बीजेपी गठबंधन 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार गया था. घोसी में अखिलेश यादव का पीडीए समीकरण चल गया था.
बीजेपी के जिलाध्यक्षों के जो नाम फाइनल हुए हैं, उसके अनुसार, 19 जिलाध्यक्ष हटाए गए हैं. इसमें अवध क्षेत्र में 7 जिलों के जिलाध्यक्ष हटाए जाने की खबरें हैं. बृज क्षेत्र में अलीगढ़, मथुरा समेत आठ जिलों में बीजेपी के जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे.काशी क्षेत्र में वाराणसी समेत आठ जिलाध्यक्ष बदले जाने की संभावना है. लखनऊ महानगर के जिलाध्यक्ष के अलावा महोबा, वाराणसी, कानपुर देहात, अलीगढ, मथुरा, प्रयागराज, बहराइच और मेरठ के जिलाध्यक्ष बदले जाने तय माने जा रहे हैं.
जिन जिलों में बीजेपी जिलाध्यक्ष लंबे समय से जमे थे, उन्हें हटाया गया है. चुनावों में खराब प्रदर्शन और स्थानीय स्तर पर संगठन के कार्य प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर भी कुछ जिलाध्यक्षों की छुट्टी गई है.
गौरतलब है कि भाजपा ने पूरे राज्य को संगठन के लिहाज से छह हिस्सों में बांटा है. इसमें काशी, अवध ,पश्चिम, ब्रज, गोरखपुर और कानपुर शामिल है. जिलाध्यक्षों की नई सूची में युवाओं पर ज्यादा जोर दिया गया है. जिलों के सांसदों और विधायकों और अन्य पदाधिकारियों के हिसाब से क्षेत्रीय औऱ जातीय समीकरण का संतुलन भी साधा गया है. कुछ जिलाध्यक्ष हालिया यूपी नगर निकाय चुनाव में महापौर और विधान परिषद सदस्य के पदों पर चुने जा चुके हैं, ऐसे में उन्हें भी हटाया गया है.