UP Politics: उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती के मेरिट लिस्ट को लेकर आए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. कोर्ट ने नए सिरे से मेरिट लिस्ट तीन महीने के अंदर जारी करने का आदेश दिया है.
Trending Photos
UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में ट्वीट कर नई सियासी हलचल मचा दी है. उन्होंने इसका स्वागत कर पिछड़े वर्ग के हितों को लेकर राजनीतिक मुहिम तेज करने का संकेत दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इस मुद्दे पर रविवार को बैठक बुलाने के पहले ही केशव की यह प्रतिक्रिया आई है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार पर फिर से निशाना साधा है. यूपी में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने भी इसे इंसाफ देने वाला फैसला बताया है. इसे पिछड़े वर्ग से जुड़े इस मुद्दे पर लामबंदी के तौर पर देखा जा रहा है.
हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक
हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक 18 अगस्त को है. शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ कल मुख्यमंत्री बैठक करेंगे.69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर मंथन होगा. शिक्षा मंत्री समेत विभाग के सभी अफ़सर मौजूद रहेंगे. बैठक में तय होगा कि सरकार HC के फ़ैसले को लागू करेगी या SC में अपील करेगी.
केशव प्रसाद मौर्य ने किया फैसले का स्वागत
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन सूची को रद्द करते हुए नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं. इसपर अब सियासत तेज हो गई है.इस पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा,'शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है. यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया. उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं.'
शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 17, 2024
अनुप्रिया पटेल ने किया फैसले का स्वागत
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने यूपी में शिक्षक भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसला का स्वागत किया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के ठीक बाद इसी मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा था.
69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई।
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) August 16, 2024
क्या कहा अखिलेश यादव ने
69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएँगे। ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएँ!
69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नयी सूची…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 16, 2024
मायावती ने 69000 शिक्षक भर्ती पर ट्वीट करते हुए लिखा
1. यूपी में सन 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यार्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के अन्दर नई सूची बनाने के हाईकोर्ट के फैसले से साबित है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।
— Mayawati (@Mayawati) August 17, 2024
2. वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है। अब सहायक शिक्षकों की सही बहाली नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) August 17, 2024
क्या है विवाद?
यूपी में साल 2018 के दिसंबर महीने में कुल 69000 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला था. इस भर्ती के तहत साल 2019 में 4 लाख 10 कैंडीडेट एग्जाम देने बैठे थे. 2020 में इस परीक्षा रिजल्ट आया और 1 लाख 47 हजार कैंडीडेट पास हुए. इनमें आरक्षित वर्ग के 1 लाख 10 हजार अभ्यर्थी थे. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द करने का आदेश दिया है. यूपी सरकार ने भर्ती नियमानुसार होने की बात कही थी लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी सरकार को तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा गया है.
69 हजार शिक्षक भर्ती पर सुभासपा भी मुखर
सुभासपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने 69 हजार शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. राजभर ने कहा, यह बात खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी माना था कि इस 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ है. अब हाई कोर्ट ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है. अब उम्मीद है कि पिछड़े दलित वंचित वर्ग को न्याय मिलेगा, जो बात माननीय हाई कोर्ट ने कहा है, सुभासपा भी हमेशा वही कहती आई है. ओपी राजभर जी ने इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाया है. जब तक अनियमितताओं को दूर कर 69K शिक्षक भर्ती आरक्षण नियमावली का सही से पालन कर नई लिस्ट नहीं बनकर जारी होती है, तब तक युवाओं को न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Prayagraj News और पाएं UP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!