Yogi Adityanath News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही में जातिवाद के आरोपों को लेकर अखिलेश यादव पर करारा पलटवार किया है. उन्होंने बताया कि कैसे सपा की सरकार के दौरान 86 में से 56 एक ही जाति वर्ग के अफसर काम कर रहे थे.
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CM Yogi News: उत्तर प्रदेश में भाजपा पिछड़े और दलितों को लेकर छिड़ी बहस में रक्षात्मक की जगह आक्रामक रुख अपना लिया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंद्रजीत सरोज या शिवपाल सिंह यादव को न बनाए जाने के बाद बीजेपी नेताओं ने हमले तेज किए हैं. इसी कड़ी में बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी ने सीधे अखिलेश को निशाने पर रखा.
योगी आदित्यनाथ ने यूपी की नौकरशाही में चुनिंदा वर्ग के लोगों को रखने के अखिलेश यादव के आरोपों का करारा जवाब दिया है. भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में योगी ने कहा कि सपा और कांग्रेस ने ओबीसी समाज को बांटने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में 86 में से 56 अफसर एक ही जाति वर्ग के थे. सपा सरकार में एक ही जाति के लोगों को नौकरी दी गई. सपा सरकार में कांवड़ यात्रा रोकी गई थी, जबकि कांवड़ से रोजगार के मौके मिलते हैं.
सीएम ने कहा, सपा ने माफियाओं को गले से लगाया. ओबीसी समाज के कितने लोगों को छात्रवृत्ति तब दी गई. हमारी सरकार ने 70 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप बांटी गई. ये लोग गुमराह करके समाज को आपस में लड़ाने का काम करते हैं. जब किसी समाज अपनी ताकत का बोध खोता है तो पहचान का संकट खड़ा होता है, ऐसा ही षडयंत्र इस समाज के साथ हुआ.
पहचान का संकट पैदा किया
जो समाज अपने बल बुद्धि पौरुष से भारत को सोने की चिड़िया बनाने और समृद्ध बनाने का जज्बा रखता था, उसको उसी के आपस मे लड़ा कर पहचान का संकट पैदा कर दिया गया. वो ताकतें जानती थी अगर ये समाज ऐसे ही पौरुष से भरपूर रहा तो भारत का कोई भी बाल बांका नही कर पायेगा, इसीलिए उन्होंने इस समाज को आपस मे लड़ा दिया. जो काम समाज में विदेशी ताकतें करती थीं वही कार्य आज ये छद्म सेक्युलर कहलाने वाले दल कर रहे हैं.
कांवड़ यात्रा पर थी पाबंदी
मुख्यमंत्री ने कहा, बीते लोकसभा चुनाव में आपने देखा कैसे पिछड़ों को आपस में लड़ाने का प्रयास किया गया. इस समय पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है, यही कांवड़ यात्रा सपा बसपा कांग्रेस की सरकारों में प्रतिबंधित थी. ये केवल शिव भक्तों की यात्रा नहीं, बल्कि रोजगार का माध्यम भी थी, एक बार की कांवड़ यात्रा से वो हस्तशिल्पी वर्ष भर की आय प्राप्त कर लेते थे.
मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद के बहाने हमला
ओबीसी को लेकर सपा के भेदभाव को उजागर करते हुए सीएम ने कहा, 2006 में भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय की गाज़ीपुर में हत्या हुई थी. उनके साथ उनके सुरक्षा में लगे रमेश पटेल थे, रमेश यादव थे क्या वो ओबीसी नही थे? यानी भाजपा के साथ हो गए थे तो आप उनको ओबीसी नही मानोगे? प्रयागराज में उमेश पाल, राजू पाल क्या ओबीसी नही थे? उसी माफिया को ये लोग गले लगाते फिरते हैं.
जिन लोगो ने युवाओ के नौकरी रोजगार में डकैती डाली,और उत्तरप्रदेश को अराजकता की आग में झोंक दिया था,आज वही लोग समाज को लगातार गुमराह कर रहे हैं. आप के समाज मे हनुमान जी की ताकत है, अपनी ताकत को जगायेंगे तो याद रखियेगा रावण की लंका को दहन करने में देर नही लगेगी.