UPSC Result : कठिन परिस्थितियों में नहीं मानी हार, काशी के चार मेधावियों ने बढ़ाया मान
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UPSC Result : कठिन परिस्थितियों में नहीं मानी हार, काशी के चार मेधावियों ने बढ़ाया मान

वाराणसी के चार मेधावियों में से दो भाई-बहन हैं. दो अन्य में एक प्रोफेसर के बेटी है और एक मास्टर का बेटा सेलेक्ट हुआ है. 

शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट जारी किया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/वाराणसी: यूपीएससी ने 2017 में हुए सिविल सर्विसेज एग्जमिनेशन का रिजल्ट घोषित कर दिया है. लिखित परीक्षा और 2018 में हुए इंटरव्यू के आधार पर ये रिजल्ट घोषित किया है. इस बार हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने टॉप किया है. जबकि दूसरे नंबर पर अनु कुमारी और तीसरे नंबर पर सचिन गुप्ता रहे हैं. मेरिट लिस्ट में 990 परीक्षार्थियों के नाम हैं. इसमें वाराणसी के चार मेधावियों ने अपना परचम लहराया है. इन चार मेधावियों में दो मेधावी एक ही परिवार के है. 

  1. प्रवीण-डॉ. प्रियंका ने बढ़ाया परिवार का मान
  2. रूपसी दूसरे प्रयास में हुईं सफल
  3. घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाकर आशीष ने पूरा किया सपना

भाई-बहन ने लिखी जीत की इबारत
यूपीएससी ने 2017 का रिजल्ट घोषित होने के बाद हंसनगर कॉलोनी टकटकपुर निवासी प्रभु नारायण सिंह के घर खुशियों दोगुनी हो गई. बेटा और बेटी ने यूपीएससी परीक्षा में सफल होकर जीत की नई इबारत लिखी है. 
प्रभु नारायण सिंह के बेटे प्रवीण सिंह ने 152वीं और बेटी डॉ. प्रियंका सिंह ने 309वीं रैंक हासिल की है. रिजल्ट की घोषणा के बाद से ही इनमें घरों में बधाइयों का तांता लगा हुआ है. 

बहन को ही मैंने अपना आदर्श: प्रवीण
2014 में बीटेक पूरा करने के बाद प्रवीण ने नौकरी नहीं की. उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी शुरू की. पहले प्रयास में वो सफल नहीं हुए, उन्होंने लक्ष्य बनाया और मेहनत रंग लाई. दूसरे प्रयास में उन्होने 152वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार कर लिया. उन्होंने बताया कि हमेशा से उन्होंने अपनी बहन को ही अपना आदर्श माना. 
 
IRS की ट्रेंनिंग में है डॉ. प्रियंका 
यूपीएससी 2017 में 152वीं रैंक हासिल करने वाले प्रवीण की बहन डॉ. प्रियंका ने भी यूपीएससी में 362वीं रैंक हासिल की है. प्रियंका संत अतुलानंद स्कूल की 2005 की डिस्ट्रिक्ट टॉपर रही हैं. साल 2012 में प्रियंका ने  मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और फिर 2014 में एमडी, लेकिन लक्ष्य सिविल सर्विसेज की थी. पिछले साल यूपीएससी में 362 रैंक मिली थी. अभी वो आईआरएस की ट्रेंनिंग ले रही हैं. 

प्रोफेसर की बेटी ने हासिल की 325वीं रैंक 
डॉ. अनिल प्रताप सिंह हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर डॉ. अनिल प्रताप सिंह की बेटी रूपसी सिंह ने अपने परिवार का मान बढ़ाया है. अपने दूसरे प्रयास में रूपसी ने संघ लोक सेवा आयोग में 325वीं स्थान हासिल किया है. रूपसी इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मेकैनिकल इंजीनियरिंग (आईआरएसएमई) में प्रोबेशनर हैं. पहले प्रयास में रूपसी मेन्स में चार नंबर से रह गई थीं, मेहनत फिर की और सफलता हासिल कर ली. 

युवाओं के लिए नजीर बनें आशीष कुमार 
उन्नाव के पुरवा गांव के सर्वेश कुमार का बेटे आज युवाओं के लिए नजीर बनकर खड़ा है. कठिन परिस्थितियों में भी आशीष अपने लक्ष्य से नहीं भटके. आशीष ने संघ लोक सेवा आयोग की चयनित सूची में 817वां स्थान मिला है. घर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी, इसलिए घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई को पूरा किया. उन्नाव के डीएसएन कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई करने के बाद एमए प्राइवेट किया और सरकारी नौकरी की तैयारियां शुरू की. कड़ी मेहनत के बाद कस्टम एंड एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर पद पर हुआ लेकिन सपना आईएएस बनने का था, तो फिर से मेहनत शुरू की और सफलता हासिल की. 

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