Makar Sankranti 2023: अगर किया पतंगबाजी तो लगेगा लाखों का जुर्माना, 2 साल तक खानी पड़ सकती हैं जेल की हवा
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Makar Sankranti 2023: अगर किया पतंगबाजी तो लगेगा लाखों का जुर्माना, 2 साल तक खानी पड़ सकती हैं जेल की हवा

Kite Flying Festival 2023: अगर आपको भी पतंगबाजी का शौकिन हैं और अगर इससे जुड़ा कानूनी नहीं पता, तो ये खबर आपके लिए है. 

Makar Sankranti 2023: अगर किया पतंगबाजी तो लगेगा लाखों का जुर्माना, 2 साल तक खानी पड़ सकती हैं जेल की हवा

Indian Aircraft Act 1934 Kite Flying: आसमान में इन दिनों अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मकर संक्रांति आने वाली है. बच्चा हो या बड़ा या बुजुर्ग, सभी घर की छतों पर पतंग बाजी करते नजर आ रहे हैं. इन सबके बीच ये पतंगबाजी आपके परिवार और दोस्तों को महंगी न पड़ जाए, इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें. अगर आप भी पतंगबाजी का शौकिन हैं और इससे जुड़ा कानूनी नहीं पता, तो ये खबर आपके लिए है. 

मनमर्जी से पतंग बाजी पहुंचाएगी सलाखों के पीछे
नीले आसमान में पतंगों से रंग बिखेरना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन कुछ चीजें हैं जो आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकती हैं. इतना ही नहीं 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. सबसे बड़ी बात ये है कि मकर संक्रांति के दिन भी इसकी छूट नहीं है. क्या आपको पता है कि हमारे देश में पतंगबाजी करना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि दो साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है. दरअसल, इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत देश में पतंग और गुब्बारे आदि के उड़ाने पर प्रतिबंध है.
 
हो सकती है दो साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना
आपको बता दें कि 1934 के इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट (Indian Aircraft Act 1934) की धारा 11 में प्रावधान है. इस प्रावधान के तहत कोई भी जान बूझकर एक विमान या पतंग को इस तरह से उड़ाता है, जिससे किसी व्यक्ति, जमीन, पानी या हवा में किसी भी संपत्ति को खतरा हो, उसे एक साल के लिए जेल भेजा जा सकता है. वहीं, गंभीर हादसा होने पर कैद की सजा को और एक साल तक बढ़ाया जा सकता है. कुल मिलाकर 2 साल तक की जेल का प्रावधान है. इतना ही नहीं ऐसी स्थिती में 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. गंभीर मामले में सजा और जुर्माना दोनों साथ में दिया जा सकता है. 

2008 में कानून में हुआ था संशोधन
आपको बता दें कि इस कानून पर कई बार सवाल भी उठाए जाते हैं. खास बात ये है कि साल 2008 में कैद की अवधि और जुर्माना की रकम में बढ़ोतरी के साथ इस कानून को संशोधित कर बरकरार रखा गया. सवाल ये है कि इसे बदला या निरस्त क्यों नहीं किया गया. ऐसा क्यों नहीं हुआ, ये भी बड़ी बहस का मुद्दा है. अगर हम बात करें, इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 की, तो विमान की श्रेणी में उड़ने वाली कोई मशीन या उपकरण, इनमें फिक्स्ड और फ्री गुब्बारे, एयरशिप, फ्लाइंग मशीन, ड्रोन, ग्लाइडर और पतंग भी शामिल हैं.

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