किसान अपनी खेती के खर्चों को उठाने और पशु धन यानी पशुपालन को बढ़ाने आदि के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं से कर्ज लेते हैं, लेकिन कभी-कभी कई कारणों से पैदावार खराब हो जाने या अन्य कारणों की वजह से वह कर्च चुकाने में असमर्थ रह जाते हैं.
किसान अपनी फसलों के लिए सरकार से कर्ज लेते हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, बारिश, और सूखे के कारण फसलें बर्बाद हो जाती हैं, जिससे किसान कर्ज नहीं चुका पाते.
हर साल किसी न किसी आपदा से किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं, जिससे वे राज्य और केंद्र सरकार से कर्ज लेकर भरपाई करते हैं, लेकिन कई बार यह मदद पर्याप्त नहीं होती.
कर्ज माफी का वादा सरकार अपने घोषणा पत्रों में करती है और इसके लिए योजनाएं भी चलाती है. पिछले साल खरीफ सीजन में किसानों को भारी नुकसान हुआ था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर किसानों की मदद के लिए कर्ज माफी योजना शुरू की है, जिससे किसान ऋण के बोझ से मुक्त हो सकते हैं. बस इसके लिए उन्हें कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.
यूपी सरकार बड़े स्तर पर आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिये योजनाएं चला रहीहै. यूपी किसान कर्ज माफी योजना के तहत अब तक 13 लाख किसानों का कुल 22 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जा चुका है.
इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के वही किसान उठा सकते हैं जो चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर या मोटर कार नहीं रखते, 21 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी हैं.
कर्ज माफी योजना के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट Upagriculture.com पर जाना होगा और अपनी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी.
कर्ज माफी योजना में आवेदन के दौरान किसानों को आधार कार्ड, पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट, लोन दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र, भूमि संबंधी दस्तावेज और किसान क्रेडिट कार्ड जैसे दस्तावेज अपलोड करने होते हैं.
यहां ध्यान देना आवश्यक है कि यूपी सरकार की कर्ज माफी से आर्थिक रूप से कमजोर किसान अपना एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करा सकते हैं ताकि उन पर आर्थिक दबाव कम हो और उनकी चिंता कम हो सके.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.