UP Online Registration New Rule: योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रॉपर्टी खरीद को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. दरअसल, अथॉरिटी से प्रॉपर्टी खरीद को लेकर नया नियम बनाया है. योगी कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में विस्तार से बात हुई और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नियमों को बैठक में मंजूरी भी दे दी गई है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अथॉरिटी से प्रॉपर्टी की खरीद को लेकर बायर्स को बड़ी राहत दी गई है. दरअसल, योगी कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में विस्तार से चर्चा हुई और एक नतीजे पर पहुंचकर फैसला भी लिया गया. अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए बार-बार रजिस्ट्री ऑफिस नहीं जाना होगा बल्कि अब विकास प्राधिकरण और औद्योगिक विकास प्राधिकरण से जो भी प्रॉपर्टी खरीदी जाएगी उसकी रजिस्ट्री भी प्राधिकरण के दफ्तर में ही करा दी जाएही. औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के साथ ही विकास प्राधिकरणों को इस बात का पूरा अधिकार दिया जाएगा कि वे प्रॉपर्टी का ई-रजिस्ट्रेशन करें.
अब तक दो-दो दफ्तरों में जाना होता था
योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले से बायर्स को काफी राहत मिलेगी. अब तक की व्यवस्था के हिसाब से कोई भी व्यक्ति विकास प्राधिकरण या फिर औद्योगिक विकास प्राधिकरण से प्रॉपर्टी खरीदता है, तो उसे पहले प्राधिकरण जाना पड़ता और फिर सभी डॉक्यूमेंट को तैयार करवाने पड़ते हैं और फिर प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि के साथ बायर दोनों ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेता है जिसके बाद सब-रजिस्ट्रॉर दफ्तर में जाता है और स्टांप, बायोमैट्रिक की प्रक्रिया पूरी करने के बाद रजिस्ट्री हो पाती है. नई व्यवस्था में ऐसे सभी काम प्राधिकरण के ऑफिस में ही हो जाएंगे.
अब होगा ये कि बायर्स का बायोमैट्रिक और स्टांप लगाकर ऑनलाइन इसे प्राधिकरण द्वारा स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग को भेज दिया जाएगा. फिर विभाग बायर के लिए एक यूनिक आईडी नंबर उपलब्ध कराया जाएगा. रजिस्ट्री संबंध डॉक्युमेंट भी बायर के पास विभाग की ओर से दे दिया जाएगा. आमतौर पर इस पूरे काम में दो से तीन दिन के बजाए केवल कुछ घंटे लगेंगे.
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मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ऑनलाइन रजिस्ट्रीकरण नियमावली को स्वीकृति दे दी गई. इसके अलावा एक और फैसले में छोटे स्टांप की सेल्फ प्रिंटिंग को भी कैबिनेट द्वारा स्वीकृति दे दी गई. इस मंजूरी के अतर्गत ऑनलाइन स्टांप खरीद कर खुद ही क्यूआर कोड के माध्यम से प्रिंट कर सकते हैं. दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में मेगा, सुपर मेगा लेवल के तहत करीब 5800 करोड़ रुपये का निवेश नौ कंपनियों द्वारा किया जाएगा. जिनको निवेश पर जो भी सुविधाए और रियायतें देने की बात की गई है उनको कैबिनेट की सहमति मिल गई है.