आज पेश होगा योगी सरकार का बजट, स्टूडेंट, किसानों और टीके को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहली बार पेपर लेस बजट (Papaer less Budget) पेश करने जा रही है. बजट को इस बार पुस्तिका नहीं बल्कि टेबलेट के सहारे पेश किया जाएगा. 2021-22 में योगी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट होगा. यूपी के 23 करोड़ लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी
लखनऊ: 22 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सदन में इस बजट को पेश करेंगे. बजट का आकार साढ़े 5 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहली बार पेपर लेस बजट पेश करने जा रही है. यानी बजट को इस बार पुस्तिका नहीं बल्कि टेबलेट के सहारे पेश किया जाएगा. सोमवार को आने वाले बजट से उत्तर प्रदेश की जनता को कई तोहफ़ा देने की तैयारी में है. देश के सबसे बड़े राज्य में ई-बजट पेश किया जाएगा. 2021-22 में योगी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट होगा.
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प्रदेश की जनता को फ़्री वैक्सीन का तोहफ़ा
कोविड पर लगाम लगाने में योगी सरकार की नीतियां कारगर साबित हुई हैं. इसी कड़ी में अब यूपी सरकार सबसे बड़ा ऐलान करने जा रही है. उत्तर प्रदेश की जनता को योगी सरकार 22 फरवरी को मुफ्त कोरोना का टीका का तोहफा दे सकती है. यूपी सरकार बजट में इसके लिए कुछ अलग प्रावधान कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक 22 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सरकार यूपी के 23 करोड़ लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन देने की तैयारी कर रही है.
गोरखपुर और प्रयागराज में लाइट मेट्रो
केंद्र सरकार द्वारा बजट में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान किए जाने से यूपी के तीन शहरों गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी में लाइट मेट्रो चलने की राह आसान हो गई है. राज्य सरकार प्रदेश के सात शहरों लखनऊ, आगरा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में मेट्रो रेल चलाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था. लखनऊ में मौजूदा समय मेट्रो रेल चल रही है. कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का काम शुरू हो गया है. मेरठ में रैपिड रेल परियोजना शुरू हो चुकी है. गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में आबादी कम होने के चलते मेट्रो रेल परियोजना शुरू होने में बाधा आ रही है. केंद्रीय बजट में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान किए जाने के बाद यूपी के तीन शहरों में इसकी राह आसान होगी। योगी सरकार इसके लिए बजट में भी ऐलान कर सकती है.
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छात्रों को टैबलेट देने की तैयारी
इन सबके अलावा योगी सरकार बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र के अहम वादे को पूरा करने की तैयारी कर रही है. दरअसल 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने छात्रों को मुफ्त लैपटॉप और मुफ्त इंटरनेट देने का वादा किया था. इसी क्रम में अब 4 साल बाद सरकार हर जिले के 1 हजार विद्यार्थियों को टैबलेट दे सकती है. जानकारी के अनुसार हर जिले में कॉलेज में दाखिला लेने वाले 1000 विद्यार्थियों को सरकार टैबलेट का तोहफा दे सकती है. इस फैसले को कहीं न कहीं बीजेपी की चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि बिना किसी भेदभाव के हर कालेज में दाख़िला लेने वाले छात्र को एक लेपटाप और 1 जीबी डेटा दिया जाएगा, लेकिन सरकार आने के बाद इस वादे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। लिहाजा अब तक ये चुनावी वादा पूरा नहीं हो सका.
युवाओं के साथ किसानों पर खास फोकस रहेगा
इस बार के बजट में योगी सरकार का युवाओं के साथ किसानों पर खास फोकस रहेगा. इसके अलावा किसानों के लिए ड्रिप इरिगेशन को लेकर बजट में बड़े एलान हो सकते हैं. पुलिस मॉडर्नाइजेशन के लिए गृह विभाग को भी अधिक बजट दिया जा सकता है. विशेष प्रावधान सरकार स्किल डेवलपमेंट को लेकर इस बार के बजट में रख सकती है. वहीं जल शक्ति मंत्रालय के बजट में इस बार इजाफा होने की संभावना है.
गांव को सड़क से जोड़ने का ऐलान भी संभव
बजट में हर गांव को डिजिटल बनाने का ऐलान हो सकता है तो हर गांव को सड़क से जोड़ने का ऐलान भी संभव है. हर गांव में बैंक खोलने की बात हो सकती है तो हर घर को भरपूर बिजली की सौगात भी संभव है. हर परिवार के एक युवक को रोजगार की गारंटी देने की तैयारी है तो हर पात्र को पेंशन सुनिश्चित करने का एलान भी संभव है.
हर उद्यमी के लिए उद्योग लगाना आसान बनाने के उपाय का एलान नजर आ सकता है तो हर व्यापारी को बेहतर कारोबारी माहौल की सौगात संभव है. हर किसान के लिए सरकारी दर पर उपज बेचना और भी आसान बनाने तथा हर खेत को पानी के लिए भी कोई सौगात नजर आ सकती है. नए बजट में हर महिला को सुरक्षा हर जुल्मी को जेल और हर बच्चे को पौष्टिक भोजन जैसे एलान भी संभव है.
प्रदेश सरकार का पांचवां बजट तमाम तरह की सीमाओं में तैयार हो रहा है. कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था काफी दबाव में है. संसाधनों की कमी है लेकिन वचनबद्ध खर्च बने हुए हैं. तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का एलान पूर्व के बजट में हो चुका है, उसके लिए संसाधन का प्रबंधन किया जाना है. सरकार पर ऋण दबाव बढ़ रहा है. अगले वित्त वर्ष से विधायक निधि बहाल करनी होगी. एक वित्तीय वर्ष के लिए ही विधायक निधि स्थगित हुई थी. कर्मचारियों का डीए भी बहाल करना होगा. 5 लाख 12 हजार करोड़ों का बजट बीते वित्तीय वर्ष में पेश हुआ था. और चुनावी साल में तक़रीबन 5 लाख 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का बजट पेश होने की सम्भावना है !
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