Bakrid in UP: बकरीद में सड़क पर नमाज हुई तो... यूपी पुलिस प्रशासन ने जारी की चेतावनी
Eid-Ul-Adha 2024 in UP : 17 जून को होने वाली बकरीद को उत्त् प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी कर दिए है. जिसमें इस बार जानवरों की कुर्बानी को जय हुई स्थानों पर ही दी जाएंगी.
Lucknow : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बकरीद को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान पहले से ही तय होना चाहिए. इसके अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो. संवेदनशील स्थलों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए. प्रत्येक दशा में यह पालन हो कि कहीं भी प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न हो. इस बार बकरीद पर सड़कों पर नमाज नहीं हो सकेगी और पहले से तय स्थानों पर ही कुर्बानी दी जाएगी.
त्योहार के दौरान पुलिस शरारती तत्वों के साथ कड़ाई से निपटें
सीएम योगी के निर्देश के बाद भारतीय जनता पार्टी से MLC मोहसिन रजा का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि धर्मगुरु मुख्यमंत्री के फरमान का संज्ञान लें और कहीं भी खुले में कोई जानवर नहीं काटा जाए. प्रतिबंधित जानवरों पर सरकार की एडवाइजरी का खयाल रखा जाए.
मुख्यमंत्री की निर्देश के बाद मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी हिदायत देते हुए ईदगाह में ही नमाज पढ़ने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि सड़कों पर नमाज न पढ़ी जाए, ताकि किसी को आने जाने में दिक्कत न हो. उन्होंने ईदगाह पर नमाज अदा होने से आधा घंटा पहले आने की सलाह दी है.तमाम मौलानाओं ने भी मुस्लिम समुदाय से सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी देने या सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट डालने से दूर रहने की सलाह दी है.
जानकारी के मुताबिक इस बार कि बकरीद के त्यौहार 17 जून को मनाया जाएंगा. जिसको लेकर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशरफ सैफी ने बकरीद ती तैयारियों के लेकर मस्जिदों के आसपास सफाई और सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए है. साथ ही कहा है कि नमाज केवल मस्जिदों के अंदर ही अदा की जाएंगी. इसके साथ ही पशुओं की कुर्बानी भी सिर्फ निर्धारित स्थानों पर ही होगी.
प्रशासन ने कहा है कि कुर्बानी के लिए जानवरों की खरीद फरोख्त और परिवहन को लेकर आम लोगों और व्यापारियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.
क्यों मनाई जाती है बकरीद
बरकीद को ईद-उल-अजहा भी कबा जाता है, ये पर्व इस्लाम धर्म के लिए सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. कहा जाता है कि हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. मान्याताओं के अनुसार, अल्लाह ने हजरत को सपने में उनकी प्रिय चीज की कुर्बानी देने का आदेश दिया था. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, जब उन्होंने यह बात अपने बेटे को बताई, तो बेटे ने कहा, "मेरे वालिद! जैसा आपको हुक्म मिला है वैसा करिए. अगर खुदा ने चाहा तो आप मुझे सब्र करने वालो में पाएंगे.
Eid Al Adha 2024: भारत में कब मनाई जाएगी बकरीद? जानें ईद उल-अजहा की सही तारीख