उत्तर प्रदेश के जेल राज्यमंत्री जयकुमार सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नेता पढ़ा-लिखा हो इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती. काम अधिकारियों को करना होता है.
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सीतापुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री जयकुमार सिंह 'जैकी' ने पढ़ाई-लिखाई को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है. जेल राज्यमंत्री जयकुमार सिंह 'जैकी' ने मंगलवार को सीतापुर जिले में एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया कि नेता पढ़ा लिखा हो इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने कहा, 'मैं मंत्री हूं. मेरे पास निजी सचिव होता है. स्टॉफ होता है. जेल मुझे थोड़ी चलानी है. जेल अधीक्षक बैठें हैं, जेलर हैं, उन्हें चलानी है. जेल में प्रबंध अच्छा हो, ये मेरा काम है.' मंत्री जयकुमार सिंह सीतापुर जिले के सेठ राम गुलाम इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा, 'नेता को ज्ञान और डिग्री से कोई मतलब नहीं है. नेता को विजनरी होना चाहिए. अगर मैंने कहा कि आईटीआई बनना है तो ये काम इंजीनियर का है कि वह कैसे बनेगा?' राज्यमंत्री ने बच्चों से कहा, 'पढ़ाई के साथ-साथ किसको क्या बनाना है ये पहले ही तय करना चाहिए. इससे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी रहती है.'
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'मैंने पढ़ाई के दौरान अपना लक्ष्य तय कर लिया था कि मुझे नेता बनना था. इसलिए पढ़ाई के समय से ही अपने भीतर एक लीडर के गुण शामिल करने लगा था.' मंत्री ने कहा कि समाज मे पढ़े लिखे लोगों ने ही गलत माहौल पैदा कर रहे हैं.
जयकुमार सिंह 'जैकी' ने कहा, 'आईएएस, आइपीएस जब बैठते हैं तो आपस में कहते हैं कि फलां विधायक हाईस्कूल पास है, वो इंटर पास है, उसको कुछ नहीं आता. बिना पढ़े-लिखे लोग पढ़े-लिखे लोगों को चलाते हैं.'