चीन की आर्थिक मोर्चेबंदी के लिए मोदी-योगी की रणनीति, ये 2 प्रोजेक्ट्स खट्टे करेंगे ड्रैगन के दांत
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand762812

चीन की आर्थिक मोर्चेबंदी के लिए मोदी-योगी की रणनीति, ये 2 प्रोजेक्ट्स खट्टे करेंगे ड्रैगन के दांत

देश में प्रस्तावित टॉय क्लस्टर के बाद बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के लिए कवायद शुरू हो गई है. बल्क ड्रग पार्क के लिए यूपी के बुंदेलखंड इलाके को पहली पसंद माना जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (L), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (R).

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी और केंद्र की मोदी सरकार ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर चुनौती देने के लिए नई रणनीति तैयार कर ली है. इसके लिए दवाओं को हथियार बनाने की तैयारी है. देश में प्रस्तावित टॉय क्लस्टर के बाद बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के लिए कवायद शुरू हो गई है. बल्क ड्रग पार्क के लिए यूपी के बुंदेलखंड इलाके को पहली पसंद माना जा रहा है.

योगी सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर जिले में 2060 एकड़ क्षेत्र में बल्क ड्रग पार्क विकसित करने की योजना को अमली जामा पहनाने जा रही है. सरकार का अनुमान है कि चरणबद्ध तरीके से इस परियोजना में 24,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा. इस महत्वाकांक्षी परियोजना से 31,000 लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी और राज्य की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 32,050 करोड़ की बढ़ोतरी होगी.

CM योगी का विपक्षी पार्टियों पर निशाना, बोले- हम माफिया का मानमर्दन करते हैं, आप संरक्षण देते थे

प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क में 1100 एकड़ (53 प्रतिशत) क्षेत्र सिर्फ दवा उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए होगा. एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडियंट्स (Active Pharmaceutical Ingredient) इकाइयां स्थापित की जाएंगी. एपीआई दवा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे सक्रिय अवयव होते हैं, जिनका बीमारियों की रोकथाम और उनके उपचार पर सीधा प्रभाव पड़ता है. बल्क ड्रग पार्क में रिसर्च एंड टेस्टिंग सेंटर्स, लॉजिस्टिक्स एंड वेयर हाउस, ड्राई पोर्ट, रोड एंड ट्रास्पोर्ट के ​अलावा रेजिडेंस डेवलप किए जाएंगे.

API के लिए चीन पर निर्भरता कम होगी
वर्तमान भारत में जो दवाएं बनती हैं उनमें इस्तेमाल होने वाले 75 फीसद एपीआई चीन से आयात किए जाते हैं. कुछ दवाओं के शत-प्रतिशत एपीआई चीन से ही आयात करना पड़ता है. बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना के बाद भारत की दवाइयों और चिकित्सीय उपकरणों के मामले में चीन पर निर्भरता कम होगी. आपको बता दें कि मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भी यूपी ने अपनी दावेदारी पेश की है. गौतमबुद्ध नगर जिले में इस पार्क को ​स्थापित करने का विचार है.

मुख्तार की पत्नी और बेटों के गजल होटल पर चलेगा बुलडोजर, खर्चा भी उन्हें ही भरना होगा

बल्क ड्रग पार्क का मास्टर प्लान तैयार है
बल्क ड्रग पार्क के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है, उसके मुताबिक इंवेस्टर्स के लिए 5, 10, 15, 20, 30 और 50 एकड़ के कुल 94 भूखंड उपलब्ध होंगे. पार्क में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर 1604 करोड़ रुपए खर्च होगा. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी लगभग 1000 करोड़ रुपए और राज्य की हिस्सेदारी 604 करोड़ की होगी. इसके अंतर्गत कूलिंग सिस्टम,​ डिस्ट्रिब्यूशन वितरण, इलेक्ट्रिसिटी सब सेंटर, वाटर फेसिलिटी, साल्वेंट रिकवरी और डिस्टिलेशन प्लांट, सेंट्रल एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कचरा प्रबंधन और पीएनजी की आपूर्ति आदि की व्यवस्था की जाएगी.

गौतमबुद्ध नगर में मेडिकल डिवाइस पार्क 
गौतमबुद्ध नगर में 350 एकड़ में प्रस्तावित मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए दो चरणों में 5250 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है. पहले चरण में 3000 करोड़ निवेश होगा और 120 इंडस्ट्रियल प्लाट पर कंपनियों की यूनिट्स की लगेंगी. दूसरे चरण में  2250 करोड़ के इंवेस्ट से 90 कंपनियों की यूनिट्स लगेंगी. मेडिकल डिवाइस पार्क में 25 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है. यह पार्क यमुना एक्सप्रेस-वे के सेक्टर-28 में प्रस्तावित है, यहां से जेवर एयरपोर्ट की दूरी 4 किलोमीटर है.

WATCH LIVE TV

Trending news